नई दिल्ली: भारतीय रोइंग महासंघ (RFI) ने भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) से फरवरी 2020 में हुए चुनावों को मान्यता देने की अपील की है, और वह खेल मंत्रालय से भी मान्यता हासिल करने का प्रयास कर रही है.
मंत्रालय ने दिसंबर-2019 में आरएफआई की मान्यता रद कर दी थी, क्योंकि उसके मुताबिक इसी महीने हुए आरएफआई के चुनावों में राष्ट्रीय खेल नियम-2011 का उल्लंघन हुआ था.
फरवरी में आरएफआई के महासचिव चुने गए एम.वी. श्रीराम ने आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को पत्र लिखते हुए अपील की है कि 25 जनवरी, 2020 को हैदराबाद में आरएफआई की विशेष आम बैठक हुई थी, जिसमें महासंघ के संविधान के उस हिस्से को सुधारने को कहा गया था जो राष्ट्रीय खेल कोड-2011 के मुताबिक नहीं है.
उन्होंने लिखा, "आरएफआई में प्रॉक्सी वोटिंग का प्रावधान हटा दिया गया था. संबंद्ध सदस्यों की तरफ से काउंसिलर के तौर पर आने वाले निर्वाचक मंडल के सदस्यों की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है. इसके बाद आपके मुताबिक दिए गए 90 दिन के समय में 22 फरवरी, 2020 को दोबारा चुनाव कराए गए."
पत्र में आगे लिखा है, "आपके निर्देशों को पूरी तरह से मानते हुए, जैसा ऊपर बताया गया है, आईओए से विनती की जाती है कि वह हमारे चुनावों को मान्यता प्रदान दे और हमारे नए अधिकारियों तथा कार्यकारी समिति को अधिसूचित करे."
बत्रा ने इसके जबाव में गोविंदराज से पूछा है कि फरवरी में हुए चुनावों में आईओए पर्यावेक्षक कौन था और साथ ही उसकी रिपोर्ट भी साझा करने को कहा है. इसके अलावा चुनाव अधिकारी की रिपोर्ट को भी साझा करने को कहा है.
फरवरी मे हुए चुनावों में राजलक्ष्मी सिंह देव को आरएफआई अध्यक्ष चुना गया था. तब यह अनुमान लगाया जा रहा था कि आरएफआई को मंत्रालय से मान्यता मिल जाएगी, लेकिन हाल ही में जारी की गई 54 राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की सूची में आरएफआई का नाम नहीं था.