नूर-सुल्तान (कजाकिस्तान) : भारत ने इसके साथ ही पांच पदकों (एक रजत और चार कांस्य पदक) और चार टोक्यो ओलंपिक 2020 कोटे के साथ इस चैम्पियनशिप का समापन किया.
2013 में तीन पदक जीते थे
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. भारत ने इससे पहले 2013 में तीन पदक जीते थे. इस चैंपियनशिप में राहुल से पहले दीपक पुनिया ने रजत और विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया तथा रवि कुमार दहिया ने अपने-अपने भार वर्ग में कांस्य पदक जीते थे.
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता राहुल ने कांस्य पदक मुकाबले में अमेरिका के टेलर ली ग्राफ को 11-4 से शिकस्त दी. कांस्य पदक जीतने के बावजूद राहुल टोक्यो ओलंपिक-2020 में खेलने नहीं जा पाएंगे क्योंकि राहुल का 61 किग्रा भार वर्ग ओलंपिक कोटा नहीं है.
'गोल्डन हैट्रिक' से चूकने के बावजूद दीपक पुनिया ने हासिल की खास उपलब्धि
महाराष्ट्र के राहुल मुकाबले की शुरूआत में 0-2 से पीछे थे. इसके बाद उन्होंने 2-2 की बराबरी हासिल की और फिर 4-2 की बढ़त बना ली. भारतीय पहलवान ने इसके बाद दो अंक और लेकर 6-2 की मबजूत बढ़त कायम कर ली. राहुल ने इसके बाद लगातार अंक लेते हुए 10-2 और फिर 11-2 का स्कोर कर दिया. इसके बाद उन्होंने 11-4 से मुकाबला जीतकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया.
राहुल को सेमीफाइनल में जॉर्जिया के बेका लोमाटड्जे से 6-10 से हार का सामना करना पड़ा था.