पटियाला : महाराजा भुपिन्दर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी 500 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जाएगी, जिसमें से 60 करोड़ रुपए इसके पहले पड़ाव को विकसित करने पर खर्च किए जाएंगे, जिससे अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक, लड़के और लड़कियों के लिए हॉस्टल और आंतरिक सड़कों समेत चारदीवारी की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने अपने दादा महाराजा भुपिन्दर सिंह, जिनके नाम पर इस यूनिवर्सिटी को स्थापित किया गया है, के दशहरे वाले दिन 129वें जन्म दिवस के मौके पर उनकी तरफ से खेल के प्रति दिए गए योगदान को साझा किया.
महाराजा भूपिंदर सिंह (प्रसिद्ध पटियाला राजा, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के दादा हैं) अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी खिलाड़ियों का वैज्ञानिक विकास करने में अहम योगदान देगी. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पंजाब खेल का केंद्र बने और हमारे खिलाड़ी और प्रशिक्षक वैज्ञानिक सोच के साथ लैस हों.
मुख्यमंत्री ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 100 एकड़ के करीब जमीन मुफ्त प्रदान करने वाले गांव सिद्धूवाल के सरपंच तरसेम सिंह, समूची ग्राम पंचायत और गांव वासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस गांव ने पहले राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के लिए मुफ़्त जमीन प्रदान की.
उन्होंने गांव सिद्धूवाल को मॉडल गांव के तौर पर विकसित करने के लिए 50 लाख रुपए के अनुदान का एलान किया. इस खेल यूनिवर्सिटी में बहुत से विद्यार्थियों द्वारा दाखिला लिए जाने पर खुशी का इजहार करते हुए अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनको उम्मीद है कि यहां का अमला और विद्यार्थी 2022 तक इसके नए कैंपस में आ जाएंगे.
उन्होंने कहा कि वह यहां प्रदान किए जाने वाले बहुत से कोर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे, जो कि यू.के. की विश्व की बेहतर यूनिवर्सिटी, लाफ बोरो यूनिवर्सिटी की तर्ज पर विकसित किए गए हैं. इस दौरान इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. रॉबर्ट एलिसन द्वारा दिया गया संदेश भी सुनाया गया.
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि उनकी सरकार इस यूनिवर्सिटी को जल्द ही मुकम्मल करने के लिए और भी फंड मुहैया करवाएगी. इस मौके पर लोकसभा सदस्य परनीत कौर ने कहा कि यह खेल यूनिवर्सिटी स्थापित करना समय की मुख्य जरूरत थी. परनीत कौर ने पटियाला निवासियों को इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी पंजाब के नौजवानों को नशों से दूर रखने में तो सहायक होगी ही बल्कि राज्य में खेल सभ्याचार भी विकसित करेगी.