मेरठ:चीन के हांगझोऊ शहर में आयोजित एशियन गेम्स 2023 भारतीय एथलीटों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 107 मेडल देश की झोली में डाल दिए. इस एशियन गेम्स में उत्तर प्रदेश के एथलीटों ने भी ऐतिहासिक प्रदर्शन किया. वहीं, मेरठ की बेटी पारुल चौधरी ने 5000 मीटर की दौड़ में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया. वतन वापसी के बाद मेरठ में खुद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पारुल चौधरी के स्वागत के लिए पहुंचे थे. इस दौरान मेरठ की बेटी का जोरदार स्वागत किया गया. गोल्ड मेडल जीतने वाली मेरठ की बेटी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
चीन में आयोजित हुए एशियन गेम्स -2022 में भारत के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है. मेरठ के क्रांतिधरा इकलौता गांव की बेटी पारुल चौधरी ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश वासियों को डबल खुशी दी है. बता दें कि कोरोना की वजह से पिछले साल एशियन गेम्स आयोजित नहीं किए गए थे लेकिन उसके बाद भी पारुल ने अपना नियमित अभ्यास जारी रखा. अपने कठिन परिश्रम के बल पर जहां 3000 मीटर स्टीपलचेज में सिल्वर मेडल देश को दिलाया. वहीं, 24 घंटे में ही अगले दिन महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में प्रतिभाग करके किसान की बेटी ने देश की झोली में गोल्ड डालकर देश वासियों की खुशी डबल कर दी.
कड़ी मेहनत से मिलता है सबकुछ
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गोल्ड मेडलिस्ट मेरठ की बेटी पारुल चौधरी ने बताया कि हर एक एथलीट की लाइफ में संघर्ष होता है. समय के हिसाब से सब कुछ बदलता चला जाता है. पारुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है. प्रदेश सरकार का अगर कोई खिलाड़ी नेशनल गेम्स में भी मेडल लाता है तो उस खिलाड़ी को ईनाम में 2 लाख रूपये मिलते हैं. वह कहना चाहेंगी कि खिलाडियों को अनुशासन में रहते हुए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. खिलाड़ी जो नहीं भी सोचते हैं वह उन्हें कड़ी मेहनत से मिला जाता है.
ग्रामीण इलाकों के निकल रहे अधिक खिलाड़ी
गोल्ड मेडलिस्ट पारुल ने बताया कि उनके गांव में स्कूल भी नहीं था. इसके बावजूद भी वह दूसरे गांव में पढ़ने पैदल जाती थी. उसी तरह जब उन्होंने तैयारी शुरू की तो मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम तक भी वह घर पैदल जाती थी. जहां स्टेडियम उनके घर से तीन से चार किलोमीटर दूर था. उनके पिता गांव के एक छोटे किसान हैं. ऐसे में उनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. लेकिन वह अपनी जरूरतों और घर के हालातों की वजह से अपने लक्ष्य को लेकर सजग थी. उन्होंने बताया कि आज ग्रामीण क्षेत्रों की खिलाड़ी अधिक निकल रहे हैं. उन सभी खिलाड़ियों की स्थिति भी ठीक नहीं है. ऐसे में सभी खिलाड़ियों के जीवन में संघर्ष आता है. लेकिन एक वक्त के बाद सबकुछ ठीक हो जाता है.
पारुल चौधरी के नाम से बनेगी सड़क
गोल्ड मेडलिस्ट पारुल ने बताया कि उनके स्वागत के लिए क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के लोग ट्रैक्टर और चार पहिया वाहन लेकर पहुंचे थे. मेरठ शहर से लेकर गांव तक लोगों ने उनके स्वागत के लिए रोड शो किया. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान भी उनके स्वागत में पहुंचे थे. केंद्रीय मंत्री भी उनके स्वागत के रोड शो में शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पारुल के गांव तक बहुत ही जल्द सड़क निर्माण कराने का भरोसा दिया. इसके साथ ही उन्होंने पारुल चौधरी के नाम से सड़क निर्माण का ऐलान किया.