मसूरीःपैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी दीपा मलिक (Deepa Malik) मसूरी पहुंचीं. जहां उन्होंने हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग किया. इस दौरान दीपा मलिक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह एक आजादी का अमृत महोत्सव है. इस रैली में महिलाएं और दिव्यांग भी प्रतिभाग कर रहे हैं. यह नया भारत है, जिसमें सभी को बराबर का अवसर मिल रहा है. उनकी जैसी दिव्यांग महिला भी हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर एडवेंचर टूरिज्म का लुफ्त उठा रही हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए मोटर स्पोर्ट्स में करियर की बहुत संभावनाएं हैं.
पद्मश्री विजेता और महिला पैरा एथलीट दीपा मलिक ने कहा कि हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर वो काफी खुश हैं और इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में देखते हैं. करीब 40 साल पहले हिमालयन कार रैली की नींव रखी गई थी. जिसमें देश-विदेश के लोगों ने भारत की हिमालय और उत्तराखंड की सुंदरता को एक्सप्लोर किया था. इस रैली ने भारत को मोटर स्पोर्ट्स की दुनिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया था. अब एक बार फिर रैली का आयोजन कर इतिहास को संजोने का काम किया जा रहा है.
दीपा मलिक ने कहा कि हिमालयन कार रैली में कई महिलाएं हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर रही हैं. वो खुद भी प्रतिभाग कर भारत के प्रतिबिंब को दर्शाने का काम कर रही है. जिसमें न उनकी आयु, न ही उसके दिव्यांगता और न ही उनका महिला होना आड़े हाथ आ रहा है. ऐसे में सभी को बराबर का अवसर मिल रहा हैं. उन्होंने कहा कि वो वुमन इन मोटर स्पोर्ट्स कमीशन की सदस्य भी हैं और उनका मुख्य उद्देश्य है कि वो महिलाओं को मोटर स्पोर्ट्स में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें.
मोटर स्पोर्ट्स में बना सकते हैं करियरःउन्होंने कहा कि मोटर स्पोर्ट्स में कई करियर ऑप्शन है. जिसके तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. मोटर स्पोर्ट्स में भी महिलाओं के लिए कई ऑप्शन हैं, लेकिन महिलाओं को इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है. अमृत महोत्सव के तहत भारत के हर एक पल को उस इतिहास को याद करने और समझाने की कोशिश की जा रही है, जिसने भारत को नए भारत का स्वरूप दिया है.