मुंबईःआईओसी (IOC) की सदस्य नीता अंबानी (Nita Ambani) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के नए संशोधित मसौदा संविधान का स्वागत करते हुए, इसे भारत के ओलंपिक सपने में एक ऐतिहासिक क्षण बताया. सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए आईओए के संशोधित संविधान के अंतिम मसौदे में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. इसे 10 नवंबर को होने वाली आम सभा की बैठक में औपचारिक स्वीकृति मिल सकती है.
नीता एम. अंबानी ने नए संशोधित आईओए मसौदा संविधान में एथलीटों और महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व की सराहना करते हुए कहा, 'मैं न्यायमूर्ति नागेश्वर राव को भारत के ओलंपिक आंदोलन में एक ऐतिहासिक बदलाव के लिए बधाई देती हूं क्योंकि हम उम्मीदों से भरे एक अधिक समावेशी भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. आईओए के संशोधित मसौदा संविधान में, भारतीय खेल प्रशासन में एथलीटों और महिलाओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की दिशा में उठाए गए कदमों से मैं बेहद आशान्वित हूं.'
2023 भारत के ओलंपिक आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, क्योंकि मुंबई 40 वर्षों में पहली बार आईओसी सत्र की मेजबानी करेगा. संविधान संशोधन के नए मसौदे पर आगे टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वास है कि यह खेलों में भारत की वास्तविक क्षमता को उभारने का मार्ग प्रशस्त करेगा. मैं भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आईओए के नवनिर्वाचित सदस्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हूं, जिसकी शुरूआत मुंबई में 2023 आईओसी सत्र और 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों में इंडिया हाउस की सफल मेजबानी से होगी.
2023 में आईओसी सत्र की मेजबानी भारत को मिले, इसके लिए अंबानी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का सफल नेतृत्व किया और भारत को 40 वर्षों बाद आईओसी सत्र की मेजबानी का अधिकार मिला. भारत आईओसी सत्र में आईओसी सदस्यों, अंतर्राष्ट्रीय संघ के प्रतिनिधियों और ओलंपिक आंदोलन के अन्य प्रमुख हस्तियों की मेजबानी करेगा. ओलंपिक सपने को साकार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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