बेंगलुरु :कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) द्वारा खिलाड़ियों को गैर-मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में भाग लेने की चेतावनी देने वाले सर्कुलर को निलंबित करते हुए एक स्थगन आदेश जारी किया है. अदालत ने बीएआई-पंजीकृत खिलाड़ियों को ग्रां प्री बैडमिंटन लीग (जीपीबीएल) सीजन-2 में भाग लेने की भी अनुमति दी. बीएआई को खिलाड़ियों, कोचों, तकनीकी कर्मचारियों और सहायक कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया.
बीएआई ने 10 अप्रैल और 5 जुलाई को सभी खिलाड़ियों, कोचों, तकनीकी कर्मचारियों और सहायक कर्मचारियों को 'बीएआई की पूर्व मंजूरी के बिना किसी भी 'गैर-मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट' में भाग नहीं लेने के लिए सर्कुलर जारी किया था'.
बीएआई ने 5 जुलाई को अपने सर्कुलर में कहा, 'अगर ऐसे किसी भी पंजीकृत कार्मिक को इस नोटिस का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो वे बीएआई के नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे'. इसमें कहा गया है, 'इस तरह के नोटिस के बाद भी, अगर कोई ऐसे टूर्नामेंट में भाग लेने का इरादा रखता है, तो यह उसके अपने जोखिम पर होगा'. ग्रां प्री बैडमिंटन लीग (जीपीबीएल) ने इन परिपत्रों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने उसे अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.
अदालत के आदेश में कहा गया है, 'आक्षेपित परिपत्रों पर रोक, इसके अलावा प्रतिवादी नंबर 2 (बीएआई) को बैडमिंटन खिलाड़ियों, कोचों और तकनीकी कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोका जाता है, जो विवादित परिपत्रों के अनुसार उसके साथ पंजीकृत हैं'.