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'भारत को पहला ओलंपिक पदक दिलाने वाले को पद्म श्री भी नहीं' - Khashaba Dadasaheb Jadhav

कशाबा जाधव के बेटे रंजीत जाधव का कहना है, पिछले 19 साल से मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं कि सुनिश्चित कर सकूं कि मेरे पिता को भारत रत्न मिले या फिर कम से कम मरणोपरांत पद्म पुरस्कार मिले. मेरे पिता का 1984 में निधन हुआ और उन्हें 17 साल बाद अर्जुन पुरस्कार मिला.

Khashaba Dadasaheb Jadhav
Khashaba Dadasaheb Jadhav

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Published : Jan 31, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:02 PM IST

मुंबई:दिग्गज पहलवान कशाबा जाधव के बेटे रंजीत जाधव ने बुधवार को अपने दिवंगत पिता को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने की मांग की.

रंजीत ने कहा कि उनके पिता ओलंपिक (हेलसिंकी, 1952) में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे लेकिन उन्हें पद्म पुरस्कार तक नहीं मिला जबकि टीवी निर्माता एकता कपूर को ये पुरस्कार मिला है.

कशाबा का 1984 में निधन हुआ.

कशाबा जाधव तीसरे स्थान पर

रंजीत ने महाराष्ट्र के सातारा जिले के अपने परिवार के पैतृक गांव से मीडिया को बताया कि उनके पिता को अर्जुन पुरस्कार भी 2001 में दिया गया.

उन्होंने कहा, 'पिछले 19 साल से मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं कि सुनिश्चित कर सकूं कि मेरे पिता को भारत रत्न मिले या फिर कम से कम मरणोपरांत पद्म पुरस्कार मिले. मेरे पिता का 1984 में निधन हुआ और उन्हें 17 साल बाद अर्जुन पुरस्कार मिला.'

कशाबा जाधव

रंजीत ने दावा किया, 'मेरे पिता ने 1952 में ओलंपिक पदक जीता. अगर आप 1954 से 1984 के पुरस्कार विजेताओं की सूची देखो तो कई खिलाड़ियों को पद्म श्री मिला और कुछ को तो पद्म भूषण भी मिला जबकि कुछ को तीनों मिले (पदक विभूषण भी). हालांकि महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद और कुछ अन्य हॉकी खिलाड़ियों को छोड़कर उनमें से कोई भी ओलंपियन नहीं था.'

उन्होंने कहा, 'एकता कपूर को इस साल पद्म श्री दिया गया. उन्हें पुरस्कार देने का सामाजिक अर्थ क्या है?'

Last Updated : Feb 28, 2020, 4:02 PM IST

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