कोलकाता : बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि मैरी कॉम चीन में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए महासंघ की 'ऑटोमेटिक च्वाइस' हो सकती हैं.
मुझे मौका मिलना चाहिए
निखत ने कहा, "आज (बुधवार) सुबह ही मुझे पता चला कि अध्यक्ष ने कहा है कि ट्रायल्स नहीं होंगे." निखत ने कहा, "हर कोई किसी भी दिन जीत सकता है. ये मुक्केबाजी है. मैं यह नहीं कह रही कि मुझे ही भेजो, लेकिन कम से कम मुझे मौका तो दें. मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि विश्व चैम्पियनशिप में सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेता खिलाड़ी ही ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए अपने आप चुने जाएंगे, लेकिन वह अब महिलाओं के लिए नियम बदल रहे हैं."
सेमीफाइनल में हार मिली
मैरी कॉम ने हाल ही में रूस में खत्म हुई विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता है. बदले हुए भारवर्ग 51 किलोग्राम में मैरी को सेमीफाइनल में हार मिली थी जिससे उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था. इस विश्व चैम्पियनशिप से पहले बीएफआई की नीति थी कि महिला एवं पुरुष दोनों वर्गो में पदक विजेता खिालाड़ियों को ही ओलम्पिक क्वालीफायर में भेजा जाएगा और उन्हें ट्रायल्स नहीं देनी होंगी. महिला वर्ग में हालांकि ओलम्पिक क्वालीफायर में जाने का नियम सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं पर लागू होता है.