पानीपत: बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर नीरज चोपड़ा ने देश का नाम एक बार फिर से बुलंदियों पर पहुंचा दिया है. देश और दुनिया में नीरज चोपड़ा को आज हर कोई जानता है. हर कोई अपने बच्चे को नीरज चोपड़ा जैसे सफल होते हुए देखना चाहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीरज का बचपन कैसे गुजरा. नीरज के यहां तक पहुंचने में उनकी माता और तीन चाची का बहुत ही अहम योगदान रहा है. आज चारों ओर नीरज के परिवार की मिसाल पेश की जाती है.
'घर की महिलाओं का योगदान अहम': बता दें कि, नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा चार भाई हैं. सतीश चोपड़ा ही सबसे बड़े भाई हैं. बाकी तीनों भाई छोटे हैं. सभी लोग एक ही साथ रहते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने बताया कि चारों भाइयों ने तो कभी भी अलग होने के बारे में नहीं सोचा. सबसे बड़ी बात यह है कि नीरज के पिता और चाचा में जिस तरह का प्रेम और सामंजस्य है उससे कहीं अधिक नीरज की माता और उनकी चाची के बीच है. नीरज चोपड़ा के पिता भी घर की चारों महिलाओं की जमकर तारीफ करते हैं. उन्होंने कहा कि घर की महिलाओं ने कभी ये नहीं समझा कि उनका बेटा कौन है. घर की चारों महिलाओं के लिए चारों भाइयों के बच्चे एक समान है.