नई दिल्ली : गौरव गिल ने एक महीने के अंतराल में अपनी जिंदगी का सबसे अच्छा और बुरा समय देखा. वे अर्जुन पुरस्कार पाने वाले देश के पहले रैली चालक बने, लेकिन फिर जोधपुर में रेस के दौरान हुई दुर्घटना ने उन्हें पूरी तरह से झकझोर दिया.
भारतीय राष्ट्रीय रैली चैम्पियनशिप के जोधपुर दौर के दौरान 37 साल के गिल की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें एक नाबालिग सहित तीन लोगों की मौत हो गयी थी.
जोधपुर में हुई दुर्घटना के बाद गौरव गिल की कार गिल की कार 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही थी जहां ट्रैक पर एक मोड़ के पास मोटरसाइकिल से उसकी टक्कर हो गई. गिल ने इस भीषण दुर्घटना के लगभग एक महीने के बाद कहा, "इस तरह की दुर्घटना आपको जिंदगी के बारे में सब कुछ सिखा देती है. मेरी जिंदगी अब पहले की तरह नहीं रहेगी. ये और भी मुश्किल होता है जब इसमें आपकी गलती नहीं होती है." उन्होंने कहा, "ये कुछ ऐसा है जिसके बारे में आपने कभी सोचा नहीं होता है इसलिए आपको ये पता नहीं होता है कि इससे कैसे निपटे."
ये भी पढ़े- जयशंकर से मदद मांगने के बाद इस पैरा एथलीट को वीजा मिला
गिल ने कहा कि एक कहावत है कि जिंदगी में कभी भी बदलाव आ सकता है, लेकिन उनके लिए अर्जुन पुरस्कार मिलने के एक महीने के अंदर ऐसी दुर्घटना के घटने से कुछ भी बुरा नहीं हो सकता.
तीन बार के एपीआरसी चैम्पियन ने कहा, "ये दुर्घटना आधे सेकंड से भी कम समय में घटी. मैं उनके कपड़ों के रंगों को भी नहीं देख सका था. ये एक क्षण में हो गया."
इस दुर्घटना के बाद आयोजकों और गिल के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ. गिल को हालांकि इस सप्ताह बाड़मेर की अदालत ने जमानत दे दी.