बेलग्रेड:अधिकतर नए चेहरों के साथ उतर रही भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टीम को सोमवार से यहां शुरू हो रही एआईबीए विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष मुक्केबाजों के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना होगा. टीम को हालांकि उम्मीद है कि वे पिछले टूर्नामेंट में जीते दो पदक की बराबरी या इससे बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहेगी.
विश्व चैंपियनशिप 2019 में भारत की ओर से अब तक का एकमात्र रजत पदक जीतने वाले दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल और उसी साल कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक ओलंपिक में खराब प्रदर्शन से उबर रहे हैं और टीम का हिस्सा नहीं हैं.
एशियाई चैंपियनशिप के पदक विजेता दीपक कुमार (51 किग्रा), शिप थापा (63.5 किग्रा) और संजीत (92 किग्रा) भारतीय टीम के अनुभवी खिलाड़ियों में शामिल हैं.
Men’s Boxing World Championships: संजीत गत एशियाई चैंपियन हैं जबकि दीपक पूर्व रजत पदक विजेता हैं. शिव थापा इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में रिकॉर्ड पांच पदक जीत चुके हैं.
इन सभी खिलाड़ियों में सिर्फ शिव को विश्व चैंपियनशिप में इससे पहले भी हिस्सा लेने का अनुभव है. उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था.
टीम में शामिल बाकी 10 खिलाड़ी हाल में राष्ट्रीय चैंपियन बने हैं और अपनी छाप छोड़ने को बेताब हैं.
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मुक्केबाजों के साथ गया सहयोगी स्टाफ भी नया है. सहयोगी स्टाफ की अगुआई हाई परफोर्मेंस निदेशक सेंटियागो नीवा कर रहे हैं जबकि उनके साथ नवनियुक्त मुख्य कोच नरेंदर राणा और अन्य सहायक कोच शामिल हैं. सहायक कोच में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता एल देवेंद्रो सिंह भी हैं.
नीवा का भारतीय टीम के साथ यह आखिरी टूर्नामेंट होगा क्योंकि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने तोक्यो ओलंपिक के बाद लंबा अनुबंध नहीं देने का फैसला किया है. तोक्यो ओलंपिक में कोई भी भारतीय पुरुष मुक्केबाज शुरुआती दौर से आगे नहीं बढ़ सका था.