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पुरुष मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप: नए चेहरों वाली भारतीय टीम की नजरें अच्छे प्रदर्शन पर

विश्व चैंपियनशिप 2019 में भारत की ओर से अब तक का एकमात्र रजत पदक जीतने वाले दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल और उसी साल कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक ओलंपिक में खराब प्रदर्शन से उबर रहे हैं और टीम का हिस्सा नहीं हैं.

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Published : Oct 24, 2021, 3:55 PM IST

Men's boxing world championship: new faces to start afresh for india
Men's boxing world championship: new faces to start afresh for india

बेलग्रेड:अधिकतर नए चेहरों के साथ उतर रही भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टीम को सोमवार से यहां शुरू हो रही एआईबीए विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष मुक्केबाजों के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना होगा. टीम को हालांकि उम्मीद है कि वे पिछले टूर्नामेंट में जीते दो पदक की बराबरी या इससे बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहेगी.

विश्व चैंपियनशिप 2019 में भारत की ओर से अब तक का एकमात्र रजत पदक जीतने वाले दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल और उसी साल कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक ओलंपिक में खराब प्रदर्शन से उबर रहे हैं और टीम का हिस्सा नहीं हैं.

एशियाई चैंपियनशिप के पदक विजेता दीपक कुमार (51 किग्रा), शिप थापा (63.5 किग्रा) और संजीत (92 किग्रा) भारतीय टीम के अनुभवी खिलाड़ियों में शामिल हैं.

Men’s Boxing World Championships: संजीत गत एशियाई चैंपियन हैं जबकि दीपक पूर्व रजत पदक विजेता हैं. शिव थापा इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में रिकॉर्ड पांच पदक जीत चुके हैं.

इन सभी खिलाड़ियों में सिर्फ शिव को विश्व चैंपियनशिप में इससे पहले भी हिस्सा लेने का अनुभव है. उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था.

टीम में शामिल बाकी 10 खिलाड़ी हाल में राष्ट्रीय चैंपियन बने हैं और अपनी छाप छोड़ने को बेताब हैं.

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मुक्केबाजों के साथ गया सहयोगी स्टाफ भी नया है. सहयोगी स्टाफ की अगुआई हाई परफोर्मेंस निदेशक सेंटियागो नीवा कर रहे हैं जबकि उनके साथ नवनियुक्त मुख्य कोच नरेंदर राणा और अन्य सहायक कोच शामिल हैं. सहायक कोच में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता एल देवेंद्रो सिंह भी हैं.

नीवा का भारतीय टीम के साथ यह आखिरी टूर्नामेंट होगा क्योंकि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने तोक्यो ओलंपिक के बाद लंबा अनुबंध नहीं देने का फैसला किया है. तोक्यो ओलंपिक में कोई भी भारतीय पुरुष मुक्केबाज शुरुआती दौर से आगे नहीं बढ़ सका था.

चैंपियनशिप के लिए तैयारी आदर्श नहीं रही है क्योंकि राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद मुक्केबाजों को शिविर में सिर्फ 10 दिन अभ्यास का मौका मिला है.

सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में यह टूर्नामेंट नए वजन वर्गों में होगा जिसकी घोषणा अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने इसी साल की थी.

पुरुष स्पर्धाओं में वजन वर्ग को 10 से बढ़ाकर 13 कर दिया गया है. अब नए वजन वर्ग 48 किग्रा, 51 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा, 60 किग्रा, 63.5 किग्रा, 67 किग्रा, 71 किग्रा, 75 किग्रा, 80 किग्रा, 86 किग्रा, 92 किग्रा और +92 किग्रा होंगे.

टूर्नामेंट में 105 देशों के 600 से अधिक मुक्केबाज हिस्सा लेंगे. प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेताओं को एक लाख डॉलर की राशि मिलेगी.

रजत पदक विजेताओं को 50 हजार डॉलर जबकि दोनों कांस्य पदक विजेताओं में से प्रत्येक को 25 हजार डॉलर मिलेंगे.

टूर्नामेंट में एआईबीए के विश्व चैंपियन भी हिस्सा लेंगे जिसमें एंडी क्रूज गोमेज, रोनियल इग्लेसियास, आर्लेन लोपेज, जूलियो ला क्रूज के अलावा लजारो अल्वारेज भी शामिल हैं. ये भी क्यूबा के मुक्केबाज हैं.

एआईबीए ने इस टूर्नामेंट में स्मृति के तौर पर बेल्ट देने और पारंपरिक लाल और नीले की जगह सफेद ग्लव्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. संघ ने इस कदम को विवादों का हिस्सा रहे खेल में नयी शुरुआत का संकेत बताया है.

टूर्नामेंट के दौरान नजरें जज और रैफरी पर भी होगी क्योंकि एआईबीए दागी अतीत से पार पाने की कोशिश करेगा.

भारतीय टीम इस प्रकार है:

गोविंद साहनी (48 किग्रा), दीपक कुमार (51 किग्रा), आकाश (54 किग्रा), रोहित मोर (57 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा), शिव थापा (63.5 किग्रा), आकाश (67 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा), सुमित (75 किग्रा), सचिन कुमार (80 किग्रा), लक्ष्य (86 किग्रा), संजीत (92 किग्रा) और नरेंदर (+92 किग्रा).

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