नई दिल्ली:खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया, खेलो इंडिया योजना एक मांग संचालित योजना है और प्रस्तावों पर तकनीकी व्यवहार्यता, निर्धारित मापदंडों के पालन के साथ-साथ धन की उपलब्धता के आधार पर विचार किया जाता है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अब तक कुल 87.65 करोड़ रुपए की राशि जारी की है, जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान मुख्य परिसर की स्थापना और मणिपुर अस्थाई परिसर के कामकाज के लिए 5.49 करोड़ रुपए शामिल हैं. मणिपुर में स्थापित राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल कोचिंग के क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के अलावा चयनित खेल विषयों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने वाला अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है. राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय राजस्थान और केरल सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों और खिलाड़ियों की जरूरतों को पूरा करेगा.
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उन्होंने कहा, शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है. अधिकांश स्कूल संबंधित राज्य परीक्षा बोडरें के अंतर्गत आते हैं. स्कूली पाठ्यक्रम बड़े पैमाने पर राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित किया जाता है. हालांकि, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ), 2005 के अनुसार स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा दसवीं कक्षा तक अनिवार्य विषय है.
उन्होंने आगे कहा, एसटीसी (भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केंद्र) के 90 विस्तार केंद्र, जिसमें 60 खेलो इंडिया केंद्र शामिल हैं और 10 नियमित स्कूल जो राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (एनएसटीसी) का हिस्सा हैं. भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत संचालित हैं. अधिकांश विस्तार देश भर के स्कूलों में केंद्र चालू हैं.
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उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा, खेलो इंडिया योजना के 'स्टेट लेवल खेलो इंडिया सेंटर' के तहत आवासीय सुविधाओं वाले 04 केंद्रीय विद्यालय अक्टूबर 2019 से स्पोर्ट्स स्कूल के रूप में चालू हैं. वहीं, भारत सरकार द्वारा प्रति एथलीट प्रति वर्ष 1,50,000 रुपए बोडिर्ंग, लॉजिंग, शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रतियोगिता प्रदर्शन, चिकित्सा पर खर्च के लिए प्रदान किया जाता है.