नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा. पानीपत: देश के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. 1983 में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत हुई थी. इस चैंपियनशिप में अब तक भारत के पास एक भी गोल्ड मेडल नहीं था. नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का यह सपना भी पूरा कर दिखाया है. नीरज चोपड़ा की एक के बाद एक उपलब्धियों पर परिजनों बताया कि, यह एक संयुक्त परिवार की परवरिश का नतीजा है.
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, वह चार भाई हैं. उनके पिता धर्म सिंह ने उन्हें बचपन में कहा था कि चारों भाई कभी अलग मत होना. पिताजी की वह बात मन में इस कदर बैठ गई कि आज तक चारों भाई इकट्ठा ही रहते हैं. नीरज के पिता सतीश चोपड़ा कहते हैं कि, बच्चों की कामयाबी भी संयुक्त परिवार की ही देन है.
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नीरज चोपड़ा के बचपन की तस्वीर दाएं से पहले. (फाइल फोटो)
जिस तरह एक लकड़ी को तोड़ना आसान होता है और लकड़ी के गट्ठर को तोड़ना काफी मुश्किल होता है, उसी तरह से उनका परिवार चल रहा है. नीरज चोपड़ा के तीन चाचा हैं. भीम चोपड़ा, सुल्तान चोपड़ा और सुरेंद्र चोपड़ा. सभी को काम बांट कर दिया गया है. भीम चोपड़ा बच्चों की परवरिश और उनकी पढ़ाई और खेलकूद की जिम्मेदारी निभाते हैं. सुल्तान चाचा खेती-बाड़ी का काम संभालते हैं. सबसे छोटे सुरेंद्र चोपड़ा के रिश्तेदारी में जाने-आने का काम संभालते हैं. नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा घर आने वालों से मुलाकात करते हैं और घर की जिम्मेदारियों को संभालते हैं.सतीश चोपड़ा, नीरज चोपड़ा के पिता.
फोन पर नीरज चोपड़ा के साथ बात करते हुए मां, चाची, भाई और बहन. (फाइल फोटो) नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने कहा कि नीरज से बात होने के बाद ही तय हो पाएगा कि उसके लिए कार्यक्रम का आयोजन कब किया जाएगा. भीम चोपड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नीरज चोपड़ा के सामने अभी कई और प्रतियोगिता है, जिसकी तैयारी में वह जी-जान से जुटा है. एक बार उससे बात होने के बाद ही कार्यक्रम की तैयारी शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि, बिना उसके किसी भी कार्यक्रम का कोई औचित्य नहीं है.
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