नई दिल्ली : विश्व चैम्पियनशिप स्टार दीपक पूनिया ने 86 किलोग्राम भारवर्ग में राष्ट्रमंडल खेल-2014 के पदक विजेता पवन कुमार को मात दे एशियाई चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया. रवि दहिया ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में एयर फोर्स के पंकज को 10-0 के स्कोर से हराया.
सुमित मलिक (125 किग्रा) और सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों पर शानदार जीत से अपना स्थान पक्का किया.
भारतीय कुश्ती महासंघ का बयान
विश्व चैम्पियनशिप स्टार दीपक पूनिया (86 किग्रा) और रवि दहिया (57 किग्रा) को जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा क्योंकि उन्हें फाइनल में सीधे प्रवेश दे दिया गया, जिसमें उन्होंने आसानी से जीत हासिल की. सुमित मलिक (125 किग्रा) और सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों पर शानदार जीत से अपना स्थान पक्का किया.
दिन के सबसे प्रतिस्पर्धी वर्ग में जितेंदर ने फाइनल में अमित धनकड़ को 5-2 से शिकस्त दी. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने पहले घोषणा की थी कि शुक्रवार को ट्रायल्स का विजेता इटली (15 से 18 जनवरी) में रैंकिंग सीरीज में, नयी दिल्ली में 18 से 23 फरवरी तक होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप और 27 से 29 मार्च तक जियान में होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में भाग लेगा.
पहलवान चुनने के लिए फिर से ट्रायल करा सकते हैं
लेकिन इसके अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि वे जियान स्पर्धा से पहले फिर ट्रायल करा सकते हैं. इसका मतलब है कि अगर जितेंदर को टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए स्थान हासिल करना है तो उन्हें रोम और नई दिल्ली में पदक जीतकर डब्ल्यूएफआई को प्रभावित करना होगा.
दीपक पुनिया, रवि दहिया ने किया एशियन चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई
शरण ने कहा, ''अगर हमें लगता है कि हमारे पहलवानों का पहली दो प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है तो हम एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए पहलवान चुनने के लिए फिर से ट्रायल करा सकते हैं. हम अपने बेहतरीन पहलवान भेजना चाहते हैं ताकि भारत ओलंपिक के लिए अधिकतम कोटे हासिल कर सके.''
मुकाबले के दौरान सुशील कुमार ट्रायल्स में भाग लिए बिना ओलंपिक क्वालीफायर में नहीं जा सकेंगे
भारत के दो ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने चोट का हवाला देते हुए शुक्रवार को हुए ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया. सुशील ने सितंबर 2019 में विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल मुकाबले में जितेंदर को हराया था. उन्होंने कहा, ''अगर हम ओलंपिक वर्गों में अपने पहलवानों के प्रदर्शन से खुश रहते हैं तो जिस वर्ग में कोटे नहीं हैं, हम उसके लिए ट्रायल नहीं करायेंगे. जहां तक सुशील का सवाल है तो किसी को भी ट्रायल्स में भाग लिए बिना ओलंपिक क्वालीफायर में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.