टोक्यो:अवनि ने एक बार में केवल एक शॉट पर ध्यान दिया और महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने कहा, मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती. मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
जयपुर की रहने वाली यह 19 साल की निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी में साल 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गई थी. उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की. यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है.
फाइनल में शांतचित होकर अपने काम को अंजाम देने वाली अवनि ने कहा, मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है. अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता. केवल एक शॉट पर ध्यान दो.
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उन्होंने कहा, मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी. मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी. यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है. टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है. अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं.