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शतरंज रेफरी को हिजाब न पहनना पड़ा महंगा, अब घर जाने में लग रहा है डर

ईरान की महिला रेफरी को बिना हिजाब वाली फोटो वायरल होने की वजह से अब घर जाने में डर लग रहा है.

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Published : Jan 18, 2020, 3:29 PM IST

हैदराबाद: चीन में चल रहे वुमेन वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप अब एक खिलाड़ी नहीं बल्की एक रेफरी की वजह से चर्चा में आ गया है. इस चर्चा का कारण कोई गलत फैसला नहीं बल्की हिजाब बन गया है. दरअसल, चीन की जीएम जू वेनजुन और रूस की एलेक्सजेंड्रा गोरिआचकिना के बीच खेली जा रही वुमेन वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के मैच के दौरान ईरानी रेफरी शोहराह बयात बिना हिजाब के अपना काम कर रही थी जिसकी वजह से अब वो मुश्किल में भी पड़ सकती हैं.

शोहरत बयात
इस मामले को ज्यादा तूल सोशल मीडिया ने दी. दरअसल, बिना हिजाब के शोहरत की रेफरिंग करते वक्त की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं जिसके बाद अब शोहरत को घर जाने से डर लग रहा है. 32 वर्षीय शोहराह पहली बार किसी सीनियर मुकाबले में अधिकारी की भूमिका में है.

आपको बता दें कि ईरानी कानून के मुताबिक सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने सिर को हिजाब से ढंकना अनिवार्य है. वहीं, महिलाओं का हिजाब न पहनना अपराध माना जाता है. इसमें गिरफ्तारी और पासपोर्ट को अवैध तक घोषित किया जा सकता है. ऐसे में तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि बयात का स्कार्फ उनके कंधे पर ही था न कि सिर के ऊपर जिसके चलते अब वो मुसीबत में पड़ सकती हैं. बयात ने एक बयान में कहा, 'ऐसा लग रहा है कि जैसे सिर को ढंका ही नहीं गया था, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है. ईरान में मीडिया गलतबयानी कर रहा है कि मैंने महिलाओं के हिजाब पहनने के कानून के विरोध के रूप में ऐसा किया है.'

इस मामले पर ईरानी चेस फाउंडेशन ने शोहरत से माफी मांगने की बात कह दी है, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले के सामने आने के बाद से बयात ने हिजाब पहनना छोड़ दिया है. बयात ने अपने बयान में कहा, 'मैंने कभी इसे अपनी मर्जी से नहीं पहना. मैं जो हूं वही रहना चाहती हूं और मैंने इसे नहीं पहनने का फैसला किया है. लोगों को वही पहनना चाहिए जो वो चाहते हैं.'

अब बयात ने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता है तो वह ईरान नहीं जाएंगी.

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