हैदराबाद : हमारे देश में धुरंधरों की कमी नहीं है. देश के कोने-कोने में हमें इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिलेंगे जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. लेकिन अगर इन प्रतिभाओं को थोड़ा प्रोत्साहन मिल जाए तो ये देश का नाम रौशन करने से पीछे नहीं हटती.
आज खेल दिवस के अवसर पर कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों की बात करते हैं जिन्होंने चुनौतियों से उभरकर देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है. इन खिलाड़ियों ने आर्थिक, मानसिक और शारीरिक चुनौतियों को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया और इसी का नतीजा है कि आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रही हैं.
दुती चंद
ये नाम आज हर कोई जानता है. बचपन की गरीबी और संसाधनों का आभाव भी उनका हौसला नहीं तोड़ पाया और आज वे एथलेटिक्स में एक जाना-माना नाम है. जून में इटली में विश्व यूनिवर्सिटी गेम्स में 100 मीटर फर्राटा दौड़ का स्वर्ण जीतने वाली वे देश की पहली महिला बनीं. समलैंगिकता के खुलासे के बाद उनको बहुत आलोचना भी झेलनी पड़ी लेकिन वे कभी नहीं रूकी और देश के लिए पदक जीतती रहीं.