नई दिल्ली:भारत इस बार 15 सदस्यीय शूटिंग दल टोक्यो ओलंपिक में भेजा रहा है. ये निशानेबाज राइफल शूटर अभिनव बिंद्रा और पिस्टल निशानेबाज विजय कुमार से प्रेरणा लेकर ओलंपिक में सटीक निशाना लगाने के लिए तैयार हैं.
बिंद्रा जो 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत इवेंट में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं. उन्होंने भविष्य के निशानेबाजों के लिए बेंच मार्क सेट किया है.
भारत इस बार निशानेबाजी में अपना सबसे बड़ा दल भेज रहा है और उसे साल 2004 एथेंस ओलंपिक के बाद अधिक पदक लाने की उम्मीद है. भारत ने एथेंस के बाद से निशानेबाजी में चार पदक जीते हैं.
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राजवर्धन सिंह राठौड़ ने एथेंस में रजत पदक, बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में तथा विजय ने फायर पिस्टल में रजत जीता था. जबकि साल 2012 लंदन ओलंपिक में राइफल मार्कस्मैन गगन नारंग ने कांस्य पर निशाना साधा था.
साल 2016 रियो ओलंपिक निराशाजनक रहा और बिंद्रा पदक जीतने से चूक गए. हालांकि, शूट ऑफ में हारने के बाद वह चौथे स्थान पर रहे थे.
मौजूदा भारतीय टीम में सिर्फ राइफल शूटर संजीव राजपूत और स्कीट मार्कस्मैन माइराड अहमद खान के अलावा ज्यादातर युवा हैं. टोक्यो से पहले निशानेबाजों ने क्रोएशिया में ट्रेनिंग तथा टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है.
भारतीय निशानेबाजों में पिस्टल शूटर मनु भाकर और सौरभ चौधरी हैं, जो फॉर्म में हैं और इन्होंने मिश्रित टीम इवेंट में स्वर्ण जीता है.
10 मीटर राइफल शूटर दिव्यांश पंवार हैं, जो पदक के मजबूत दावेदार में से एक हैं. इनके अलावा एयर राइफल एलावेनिल वलारीवान हैं. जबकि सौरभ चौधरी जिन्होंने साल 2018 जर्काता एशिया खेलों में स्वर्ण जीता था. उनसे भी पदक लाने की काफी अपेक्षा है.