दोहा : विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की शुरुआत शुक्रवार से खलीफा स्टेडियम में हो रही है. विश्व के दिग्गज एथलीट इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं.
भारत के लिए हालांकि अभी तक ये टूर्नामेंट बेहद खराब रहा है, हालांकि दुती चंद, जिन्सन जॉनसन जैसे खिलाड़ियों की रहते उम्मीद की जा सकती है कि भारत अपने पुराने प्रदर्शन से बेहतर करेगा.
अभी तक भारत के हिस्से इस चैम्पियनशिप में सिर्फ एक पदक है, वो भी कांस्य जो 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लम्बी कूद में दिलाया था.
दुती ने विश्व यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीत बड़ी सफलता हासिल की थी. आईएएएफ के निमंत्रण पर उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया. दुती 100 मीटर में हिस्सा लेंगी और जिस तरह की फॉर्म में हैं, उम्मीद की जा सकती है कि वे पदक जीतकर लौटेंगी.
भारत को हालांकि हिमा दास और नीरज चोपड़ा के बाहर जाने से पदक की उम्मीदों को झटका लगा है. हिमा और नीरज दोनों चोट के कारण विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगी.
हिमा को पीठ में चोट है तो वहीं नीरज को कोहनी में चोट है. एशियाई खेलों में इन दोनों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और तब से यह दोनों देश के लिए पदक की उम्मीद बनकर उभरे हैं.
हिमा को चार गुणा 400 मीटर महिला और मिश्रित रिले टीम में जगह मिली थी.
भालाफेंक खिलाड़ी नीरज के होने से शिवापाल सिंह पर भार आ गया है. नीरज की जगह वे टीम की जिम्मेदारी संभालेंगे. महिलाओं में भालाफेंक में अन्नू रानी को चुना गया है. ऊंची कूद खिलाड़ी तेजस्वनी शंकर ने भी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई है. भारत के लिए ये भी एक नुकसान है.
पदक की उम्मीदों की बात की जाए तो, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और हाल में बर्लिन में 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतने वाले धावक जॉनसन से काफी उम्मीदें हैं. जॉनसन इस समय अपने कोच स्कॉट सिमंस के साथ अमेरिका में अभ्यास कर रहे हैं. महिलाओं में इस वर्ग में पीयू चित्रा भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.