रोटरडम: भारतीय पुरुष हॉकी टीम की एफआईएच प्रो लीग खिताब जीतने की उम्मीद रविवार को दो चरण के मुकाबले के दूसरे मैच में नीदरलैंड के खिलाफ 1-2 की हार के साथ टूट गई. भारत को शनिवार को पहले मैच में भी नीदरलैंड के खिलाफ शूट आउट में 1-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जबकि 60 मिनट के नियमित समय के बाद दोनों टीम 1-4 से बराबरी थी.
खिताब जीतने की मामूली उम्मीद बरकरार रखने के लिए भारत को नीदरलैंड के खिलाफ जीत दर्ज करने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. नीदरलैंड ने 14 मैच में 35 अंक के साथ पुरुष वर्ग का खिताब जीता जबकि अभी दो मुकाबले खेले जाने बाकी हैं.
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ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम की टीम 16 मैच में 35 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही जबकि भारत ने 16 मैच में 30 अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. भारत ने मुकाबले की शानदार शुरुआत की और 30 सेकेंड के भीतर ही अभिषेक के मैदानी गोल की बदौलत बढ़त हासिल कर ली.
अभिषेक ने दाएं छोर से गेंद को कब्जे में लिया और चार डिफेंडर को पछाड़ने के बाद नीदरलैंड के दूसरी पसंद के गोलकीपर मॉरिट्ज वाइसर को छकाकर गोल दाग दिया. नीदरलैंड ने हालांकि सातवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर जिप जेनसेन के गोल से बराबरी हासिल कर ली.
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दुनिया की तीसरे नंबर की टीम नीदरलैंड और चौथे नंबर की टीम भारत के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. नीदरलैंड को 11वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने नाकाम कर दिया.
नीदरलैंड को तीन और पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन वे भारतीय डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे. भारत को 16वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह गोल करने में विफल रहे. भारत को मध्यांतर से दो मिनट पहले भी लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन टीम इन्हें गोल में नहीं बदल सकी. तीसरे क्वार्टर में 45वें मिनट में जोरिट क्रून ने नीदरलैंड को 2-1 से आगे कर दिया. भारत को इसके बाद गोल करने के कई मौके मिले लेकिन उसके खिलाड़ी वाइसर को छका नहीं पाए.