नई दिल्ली : भारत की मुक्केबाजी रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आ गया है. भारतीय मुक्केबाजों को 36,300 रैंकिंग अंक मिले हैं. ये अंक अमेरिका और क्यूबा से ज्यादा हैं. इससे अमेरिका और क्यूबा जैसे मुक्केबाजी में धुरंधर देशों को भारत ने पीछे छोड़ दिया. अमेरिका की मौजूदा रैंकिंग में चार और क्यूबा की 9 हैं. कजाखस्तान (48,100 अंक) रैंकिंग में टॉप पर है. वहीं, उज्बेकिस्तान (37,600 अंक) दूसरे नंबर पर है.
भारतीय मुक्केबाजों ने हाल के वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है. जिससे वैश्विक टूर्नामेंट जैसे विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत टॉप पांच देशों में शामिल रहा. पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय मुक्केबाजों ने 16 मेडल जीते. साल 2008 से शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत ने 140 मेडल जीते थे. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने भी देश में कई बड़े मुक्कबाजी टूर्नामेंट की मेजबानी की.
15 से 26 मार्च तक देश में तीसरी बार प्रतिष्ठित महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा. मुक्केबाजी की ताजा रैंकिंग से ये स्पष्ट है कि देश में इस खेल का भविष्य उज्ज्वल है. इसका अंदाजा पिछले दो युवा विश्व चैंपियनशिप में जूनियर और युवा स्तर पर कुल 22 मेडल बटोरने से लगाया जा सकता है. बीएफआई (BFI) अध्यक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) ने मीडिया विज्ञप्ति में कहा, 'यह भारत, बीएफआई और सभी बॉक्सिंग प्रेमियों के लिए 'मील के पत्थर' वाला पल है.
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पिछले कुछ वर्षों में 44वें स्थान से तीसरे स्थान तक पहुंचकर भारतीय मुक्केबाजी ने बड़ी छलांग लगाई है. वो दिन दूर नहीं जब भारत बॉक्सिंग रैंकिंग में नंबर एक पर होगा. भारत में लोवलीना, बोरगोहेन निखत जरीन, स्वीटी बूरा, शिव थापा, गोविंद, सुमित नरेंद्र जैसे शानदार मुक्केबाज हैं. जो भविष्य में देश के लिए कई मेडल जीत कर भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे.