नई दिल्ली:बर्मिंघम में खेले जाने वाले 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय मुक्केबाजी दल में 14 बॉक्सर्स को भेजा जा रहा है, जिनसे देश को पदक की काफी उम्मीद है. बर्मिंघम गेम्स से पहले ये सभी खिलाड़ियों तैयारियों में जुटे हुए हैं. जहां इन खेलों में हिस्सा लेने वाले इन खिलाड़ियों में कई प्लेयर अपना नाम पहले भी विश्व पटल पर लिखवा चुके हैं. वहीं पर कुछ खिलाड़ी पहली बार खेलते हुए नजर आने वाले हैं.
सागर अहलावत का कहना है कि साल 2015 में फ्लॉएड मेवेदर जूनियर और मैनी पैकियाओ के बीच फाइट ऑफ द सेंचुरी पर अखबार में छपा लेख पढ़ने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. यह लेख पढ़ने के सात साल बाद 20 साल का मुक्केबाज बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की +92 किग्रा सुपर हैवीवेट स्पर्धा में चुनौती पेश करने के लिए तैयार है, जिसमें वह पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. सागर ने पीटीआई से कहा, मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था. मेरे से पढ़ाई नहीं होती थी. इसलिए मैंने 12वीं के बाद कुछ करने के लिए देखना शुरू किया.
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किसान परिवार में जन्में सागर का खेलों से कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन एक दिन उन्होंने मेवेदर और पैकियाओ के बीच मशहूर भिड़ंत के बारे में अखबार में पूरे पन्ने का लेख पढ़ा. जैसे-जैसे वह दोनों महान मुक्केबाजों के बारे में और उनकी उपलब्धियों के बारे में पढ़ते गए, वह पूरी तरह स्पष्ट हो चुके थे कि उन्हें क्या करना है. सागर ने कहा, मेरे परिवार में कोई भी खेलों में नहीं है. मुझे थोड़ा बहुत मुक्केबाजी के बारे में पता था, लेकिन मुझे मेवेदर और पैकियाओ के बारे में अखबार में पढ़कर प्रेरणा मिली.