नई दिल्ली: इक्कीस वर्षीय इलावेनिल और 18 वर्षीय दिव्यांश ने टूर्नामेंट में भारत को चौथा स्वर्ण पदक दिलाया. दिव्यांश का ये मिश्रित वर्ग में विश्व कप में चौथा स्वर्ण पदक है. निशानेबाजी की मिश्रित स्पर्धाओं का जुलाई-अगस्त में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदार्पण होगा.
इलावेनिल से पूछा गया कि क्या उनके जोड़ीदार के प्रदर्शन का उन पर प्रभाव पड़ता है, उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि इसका कोई प्रभाव पड़ता है. भले ही आखिर में संयुक्त स्कोर मायने रखता है लेकिन तब आप यह नहीं सोचते कि आपका साथी कैसा प्रदर्शन कर रहा है. किसी एक शॉट के लिये आप खुद पर ध्यान देते हो.''
उन्होंने कहा, ''शॉट पूरा होने के बाद आप इसका पता कर सकते हो कि अच्छा उसने इतना स्कोर बनाया और मैंने इतना लेकिन मुझे नहीं लगता कि शॉट लेते समय इससे कोई अंतर पैदा होता है.'' इलावेनिल दूसरे के प्रदर्शन पर खास ध्यान नहीं देती लेकिन उनके जोड़ीदार दिव्यांश के मामले में ऐसा नहीं है.