कोलकाता:राष्ट्रमंडल खेलों के साल 2018 सत्र में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य सहित एक अभूतपूर्व छह पदक जीते थे. किदांबी श्रीकांत, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी गोल्ड कोस्ट में दूसरे स्थान पर रही थी. गोपीचंद को लगता है कि मई में थॉमस कप में भारत की शानदार जीत के बाद वे इस बार स्वर्ण जीत सकते हैं.
इस 48 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, एक टीम के तौर पर वैश्विक प्रतियोगिता में यह प्रदर्शन काफी मायने रखता है. हमने इससे पहले खासकर पुरुष वर्ग में इस तरह का प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने कहा, यह बहुत बड़ी बात है, सामान्य तौर पर टीम ने थॉमस कप में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे खिलाड़ी उत्साहित और बहुत आशान्वित हैं. मुझे उम्मीद है कि हम पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे. पिछली बार हमने दो स्वर्ण पदक जीते, क्या हम उससे बेहतर कर सकते हैं? लेकिन थॉमस कप को देखते हुए, मुझे यकीन है कि हमारे पास पुरुष एकल और युगल में अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने का मौका होगा.
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प्रकाश पादुकोण (1978) और सैयद मोदी (1982) और पारुपल्ली कश्यप (2010) राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पुरुष एकल खिलाड़ी हैं, जबकि चिराग और सात्विक ने साल 2018 में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होगा. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को शुक्रवार को मलेशिया ओपन में चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से लगातार छठी हार का सामना करना पड़ा. दोनों खिलाड़ियों के बीच 16 मैचों में सिंधू की यह 11वीं हार थी. गोपीचंद ने कहा कि सिंधू के कोच पार्क ताए संग के साथ बात कर के समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे.