नई दिल्ली: भारतीय तैराकी महासंघ (एसएफआई) ने शनिवार को एक वीडियो लांच किया है जिसमें सभी राज्य संघों को इस बात के संदेश दिए हैं कि वो कोविड-19 से बचने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और बाकी की गाइडलाइंस के पालन को अपनी प्राथमिकता समझें और राज्य/स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें ताकि 15 अक्टूबर से कंटेनमेंट जोन के बाहर गतिविधियां शरू की जा सकें.
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कंटेनमेंट जोन्स के बाहर स्वीमिंग पूल्स को दोबारा खोलने के लिए एसओपी जारी की हैं जिसमें एक अहम बात ये है कि ओलम्पिक साइज के पूल में एक सेशन में 20 से ज्यादा तैराक नहीं होने चाहिए.
साई केंद्रों के अलावा जहां खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर रहे हैं वहां एसओपी का पालन करना अनिवार्य है.
एसएफआई की महासचिव मोनल चौकसी ने कहा, "जैसे ही खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को तैराकी के लिए एसओपी जारी की हैं, हमने सभी संबंधित कागजात राज्य संघों के पास भेज दिए. हमें ये विस्तृत और अच्छी तरह से चीजों को समझाने वाला लगा. हम मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने एसओपी बनाने के समय हमारी सिफरिशों को माना."
भारतीय तैराकी महासंघ (एसएफआई)
उन्होंने कहा, "ये गाइडलाइंस काफी अच्छी हैं और हमने सभी राज्य संघों तथा देश के सभी तैराकी केंद्रों से कहा है कि वो ट्रेनिंग शुरू करने के समय एसओपी का पालन करना प्राथमिकता रखें."
उन्होंने कहा, "आने वाले सप्ताहों में हमने विशेषज्ञों के साथ सेशन प्लान किए हैं जो मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को और बरीकी से समझाएंगे. प्रशिक्षकों और उन केंद्रों के लिए जो प्रतिस्पर्धी तैराकों को ट्रेनिंग कराते हैं उनके लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे."
एसओपी के मुताबिक 50 मीटर 10 लेन वाले पूल में 20 तैराक ट्रेनिंग कर सकते हैं जबकि 25/50 मीटर 8 लेन वाले पूर में एक समय 16 तैराकों को ट्रेनिंग करने की अनुमति होगी. इसके अलावा तैराकों को स्व-घोषित पत्र और प्रवासी तैराकों को अनिवार्य कोविड-19 निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट जमा करानी होगी.