दोहा :अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनल मेसी के लिए अब नहीं तो कभी नहीं. आज होने वाले फीफा विश्व कप 2022 (FIFA WORLD CUP 2022) फाइनल में जब अर्जेंटीना की टीम फ्रांस के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो यह भी तय हो जाएगा कि मेसी आखिरकार खेल के महानतम खिलाड़ियों की फेहरिस्त में पेले और डिएगो माराडोना की जमात में शामिल हो पायेंगे या नहीं. और यह भी तय हो जाएगा कि क्या अर्जेंटीना यूरोप की बादशाहत खत्म कर पाएगी या नहीं.
फीफा वर्ल्ड कप 2022 से पहले 21 बार इस टूर्नामेंट का आयोजन हो चुका है. 12 बार यूरोप की टीमें चैंपियन बनी हैं. वहीं, 9 बार लैटिन अमेरिकी टीमों ने खिताब जीते हैं. यूरोप के लिए पांच टीमों ने मिलकर ये 12 खिताब जीते हैं. जर्मनी और इटली के नाम सबसे ज्यादा 4-4 खिताब हैं. वहीं, फ्रांस के नाम दो ट्रॉफी हैं. 1-1 खिताब इंग्लैंड और स्पेन ने जीता है. लैटिन अमेरिका की ओर से तीन देशों ने मिलकर 9 ट्रॉफी जीती हैं. ब्राजील सबसे ज्यादा पांच बार चैंपियन बना है. अर्जेंटीना और उरुग्वे ने दो-दो खिताब जीते हैं.
मेसी और अर्जेंटीना के रास्ते में रोड़ा बन सकता है मौजूदा चैम्पियन फ्रांस उसके स्टार फुटबॉलर एम्बापे
वहीं कईयों के लिए मेसी का करियर इससे भी परिभाषित होगा कि 35 साल की उम्र में आखिरकार वह अपनी टीम को फुटबॉल के इस महासमर की ट्रॉफी दिला पायेंगे या नहीं जो उनके करियर में चार चांद लगा देगी. पर उनकी रास्ते में कोई कमजोर नहीं बल्कि मौजूदा चैम्पियन फ्रांस की टीम और उसका स्टार फुटबॉलर किलियान एम्बापे खड़ा है. एम्बापे फुटबॉल के महान खिलाड़ियों के तौर पर मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर बढ़त बनाने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं.
एम्बापे 80,000 दर्शकों की क्षमता वाले लुसैल स्टेडियम में होने वाले मैच में इतिहास रचने की ओर बढ़ रहे हैं. फ्रांस का यह 23 साल का फॉरवर्ड अपने पहले ही दो विश्व कप में चैंपियन बनकर पेले का अनुकरण करने करना चाहता है और तीसरे खिताब की संभावना भी बनाना चाहता है और यह उपलब्धि केवल ब्राजील के इस महान खिलाड़ी के नाम ही है जिन्हें 2022 टूर्नामेंट के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस वर्ल्ड कप में मेसी और एम्बापे के नाम 5-5 गोल
एम्बापे जब 19 साल के थे तो उन्होंने फ्रांस को 2018 में दूसरा विश्व कप खिताब दिलाया था और 1958 में 17 साल के पेले के बाद फाइनल में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे. पेले ब्राजील की 1962 विश्व कप जीत में चोट के कारण नॉकआउट चरण में नहीं खेले थे लेकिन एम्बापे इस टूर्नामेंट में शुरू से ही फ्रांस के लिए अहम खिलाड़ी बने रहे. बल्कि वह पांच गोल करके मेसी के साथ सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी की बराबरी पर हैं. ‘गोल्डन बूट’ का पुरस्कार कौन जीतता है तो यह फाइनल ही तय करेगा.
फ्रांस की टीम पिछले सात विश्व कप में चौथी बार फाइनल में पहुंची है जो किसी अन्य टीम से कहीं ज्यादा
फ्रांस की टीम ब्राजील (1962 में) के बाद लगातार विश्व कप ट्रॉफी जीतने वाली पहली टीम बनने की कोशिश में जुटी है. माइकल प्लातिनी, जिनेदिन जिदान, थिएरी ऑनरी और अब एम्बापे जैसे खिलाड़ी देने वाली टीम पिछले सात विश्व कप में चौथी बार फाइनल में पहुंची है जो किसी अन्य टीम से कहीं ज्यादा है. कोच डिडिएर डेसचैम्पस 1998 में बतौर खिलाड़ी विश्व कप विजेता रहे थे और अब बतौर कोच टीम को लगातार दूसरी बार खिताब दिलाने की मुहिम में जुटे हैं. विटोरियो पोज्जो एकमात्र अन्य कोच थे जिन्होंने लगातार दो बार चैंपियन बनी इटली को 1934 और 1938 में खिताब दिलाए थे.
36 साल का इंतजार खत्म करना चाहेगा अर्जेंटीना
फ्रांस की तरह अर्जेंटीना भी (1978 और 1986 के बाद) तीसरा विश्व कप खिताब जीतने की कोशिश में जुटी है ताकि वह सर्वकालिक सूची में चौथे स्थान पर पहुंच जाए. अगर ऐसा होगा तो माराडोना के मेक्सिको में 1986 प्रदर्शन के बाद टीम का 36 साल का इंतजार खत्म हो जाएगा. उस जीत ने माराडोना को अर्जेंटीना में हमेशा के लिए ‘हीरो’ और फुटबॉल की दुनिया का ‘आइकॉन’ बना दिया था. मेसी अब उस स्तर की बराबरी पर दिखते हैं, आज अपने रिकॉर्ड 26वें विश्व कप मैच में भले ही वह जीते या हारें.
मेसी ने जिस तरह से अर्जेंटीना को फाइनल में पहुंचाया, उससे उनकी तुलना माराडोना से की जा रही है. मेसी ने पांच गोल करने के अलावा तीन गोल करने में मदद कर अपनी टीम के प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया जो कतर में पूरे विश्व कप के दौरान मैचों में बहुतायत में नजर आए. जिसे देखते हुए ऐसा लगता है कि यह मैच अर्जेंटीना के लिए घरेलू मैच की तरह होगा लेकिन फ्रांस के समर्थकों की संख्या भी कम नहीं होगी.
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फ्रांस की टीम में अपार अनुभव
फ्रांस की टीम में अपार अनुभव है और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाने के बावजूद जीत दर्ज करने की काबिलियत है. टूर्नामेंट से पहले पॉल पोग्बा, एनगोलो कांटे, प्रेसेनल किम्पेम्बे और करीम बेंजेमा जैसे अहम खिलाड़ियों के बाहर होने के बावजूद फ्रांस के प्रदर्शन का स्तर ऊंचा बनाए रखा. फ्रांस का डिफेंस काफी अच्छा है. टीम मेसी को दूर रखने के लिए प्रयास करेगी तो अर्जेंटीना एम्बापे पर लगाम कसे रखना चाहेगी.
18 कैरट के सोने से बनी ट्रॉफी उठाना चाहेंगे मेसी
अर्जेंटीना के कोच लियोनल स्कालोनी के सेमीफाइनल में क्रोएशिया के खिलाफ मिली 3-0 की जीत वाली सेंट्रल मिडफील्डर की चौकड़ी को चुनने की संभावना है. वे हर तरफ से मेसी को गेंद देना चाहेंगे ताकि वो अपना जादू दिखा सके. या फिर जूलियन अल्वारेज को जिसने टूर्नामेंट में सऊदी अरब से मिली अविश्वसनीय 1-2 की हार के लिये ‘बैकअप’ की तरह शुरूआत की और वह चार गोल करके अपना नाम शुरूआती एकादश में पक्का कर चुका है. आठ साल पहले मेसी 2014 के फाइनल में जर्मनी से मिली 0-1 की हार के बाद टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार जीता था. इस बार वह निश्चित रूप से इसके बजाय 18 कैरट के सोने से बनी ट्रॉफी उठाना चाहेंगे ताकि वह अपने करियर का समापन इस तरह करें जैसा किसी और ने नहीं किया हो.