नई दिल्ली: वैश्विक फुटबॉल संचालक फीफा द्वारा भारतीय फुटबॉल पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण प्रतिबंध लगाने के बाद से शीर्ष खिलाड़ियों के साथ-साथ आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) और आई-लीग क्लबों में भी काफी तनाव है. फीफा कानून के अनुच्छेद 13 के अनुसार, विश्व फुटबॉल शासी निकाय की महासचिव फातमा समौरा द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) का प्रतिनिधित्व करने वाले क्लबों और टीमें तब तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने की हकदार नहीं हैं, जब तक कि निलंबन हटा नहीं लिया जाता.
बयान के मुताबिक, इसका मतलब यह भी है कि फीफा और/या एएफसी के किसी भी विकास कार्यक्रम, पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण से एआईएफएफ और उसके किसी सदस्य या अधिकारी को कोई फायदा नहीं मिलेगा. एआईएफएफ से जुड़ी सीनियर पुरुष टीमों पर हालांकि 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत तक एएफसी एशियाई कप में भाग लेने के लिए कोई तत्काल खतरा नहीं है. लेकिन, अगले कुछ महीनों में आयोजित होने वाले क्लबों और आयु-वर्ग की राष्ट्रीय टीमों के लिए निर्धारित मुकाबलों को लेकर पेंच फंस सकता है.
जिन टूर्नामेंटों पर खतरा मंडरा सकता है उनकी सूची इस प्रकार है:
1. भारतीय पुरुष राष्ट्रीय टीम: फीफा का प्रतिबंध अगर जल्द से जल्द नहीं हटाया गया तो वियतनाम (24 सितंबर) और सिंगापुर (27 सितंबर) के खिलाफ दो मैत्री अंतरराष्ट्रीय मैच रद्द हो जाएंगे. कुछ साल पहले तक भारतीय पुरुष टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत टीमों के साथ खेलने को नहीं मिलता था लेकिन क्रोएशियाई मुख्य कोच इगोर स्टिमैक के आने के बाद चीजें बदली थी.
2. उज्बेकिस्तान में गोकुलम केरल की महिला टीम का एएफसी कप का मैच:इंडियन वुमेन लीग चैंपियन गोकुलम केरल 23 अगस्त को उज्बेकिस्तान के कार्शी में घरेलू टीम सोग्डियाना-डब्ल्यू के खिलाफ एएफसी महिला क्लब चैंपियनशिप में अपने अभियान की शुरुआत करने के लिए तैयार है. टीम 26 अगस्त को ईरान के बाम खातून एफसी से भिड़ेगी. लेकिन अब इन मैच पर संशय बन गया है.