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EXCLUSIVE: जानिए मैरीकॉम के साथ हुए झगड़े को आज कैसे देखती है निखत जरीन - निखत

निखत ने कहा कि वे खुश है की मैरी कॉम ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया.वे उम्मीद करती है की मैरी कॉम भारत के लिए ओलंपिक में मेडल लाए.

nikhat zareen
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Published : Jun 2, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 8:07 PM IST

हैदराबाद: ईटीवी भारत के साथ बातचीत में निखत जरीन ने मैरी कॉम के साथ झगड़े के बारे में बात करते हुए कहा कि उनका मैरी कॉम या किसी के भी साथ कोई भी झगड़ा नहीं है. वे सिर्फ ओलंपिक क्वालीफायर में जाने के लिए मुकाबला खेलना चाहती थी.

निखत जरीन के साथ खास बातचीत

निखत ने कहा कि, 'वे क्वालीफायर में जाने के लिए मुकाबला चाहती थी इस वजह से उन्होंने बीएफआई को पत्र लिखा. बीएफआई की तरफ से जवाब नहीं आने के बाद उन्होंने खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात की और वे खुश है कि क्वालीफायर हुआ."

गौरतलब है कि इस मुकाबले को मैरी कॉम ने जीता और ओलंपिक क्वालीफाइयर के लिए जगह बनाई. मैरी कॉम ने क्वालीफाइयर में जाकर ओंलपिक कोटा भी हासिल किया.

इस बारे में निखत ने कहा कि वे खुश है की मैरी कॉम ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया.वे उम्मीद करती है की मैरी कॉम भारत के लिए ओलंपिक में मेडल लाए. उन्होंने ये भी कहा कि मेंरे दिल में मैरी कॉम के लिए गलत भावनाए नहीं है.

चार साल बाद परिवार के साथ मनाई ईद

निखत जरीन ने बताया की लॉकडाउन की वजह से वे चार साल बाद रमजान में अपने परिवार के साथ समय बता पाई है और उन्होंने 2016 के बाद पहली बार परिवार के साथ ईद मनाई.

निखत जरीन

उन्होंने बताया कि उनका ज्यादतार समय ट्रेंनिग में गुजरता है. इसलिए परिवार के साथ समय बिताने का मौका नई मिलता. लेकिन कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण उन्हें परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला.

निखत शायरी का रखती है शौक

निखत जरीन ने लॉकडाउन के दौरान अपने टाइम टेबल के बारे में बात करते हुए बताया कि वे सुबह उठकर रोजाना शायरी करती है उसके बाद वे नमाज पड़ती है. निखत ने ये भी बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान खाना बनाना भी सीखा है.

इस वजह से एथलीट से बॉक्सर बनी निखत

शुरुआती दिनों में निखत 100 और 200 मीटर की धाविका थी. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया की कैसे वे एक एथलीट से बॉक्सर बनी. उन्होंने एक किस्सा याद करते हुए बताया कि एक दिन वे ट्रेनिंग के लिए अपने पिता के साथ ग्रांउड में गई और सब लड़के वहां बॉक्सिंग की ट्रेनिंग कर रहे थे. निखत ने अपने पिता से पुछा की बॉक्सिंग सिर्फ लड़कों का खेल है इस खेल को लड़की नहीं खेल सकती क्यां. तो इसका जवाब देते हुए उनके पिता ने कहा की लड़कियों में इतना दम नहीं होता की वे बॉक्सिंग खेल सके. इस बात को निखत ने चैलेंज के रूप में लिया और बॉक्सर बनी. 2009 में उन्होंने बॉक्सिंग की शुरुआत की.

2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल था निखत का सबसे यादगार मैच

निखत ने अपनी सबसे यादगार मैच के बारे में बताते हुए कहा की 2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल मैच उनके सबसे यादगार मैचों में से एक है. इस मैच में उन्होंने मेजबान देश टर्की की बॉक्सर को हराकर गोल्ड मेडल जीता था.

मौजूदा समय पर फिटनेस पर ध्यान देना जरूरी

निखत जरीन ने कहा कि मौजूदा समय में प्रतियोगिताएं से ज्यादा हमें अपनी फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए और वे इसके लिए घर पर ट्रेनिंग कर रही है . उन्होंने ये भी कहा कि उनका पूरा ध्यान है कि वे वजन ना बढ़ने दे.

निखत जरीन

इस साल प्रतियोगिताएं होने की नहीं है उम्मीद

निखत ने कहा कि वे अगले साल होने वाली प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखकर ट्रेनिंग कर रही है और इस साल कोई भी टूर्नामेंट होने की उन्हें उम्मीद नहीं है. उन्होंने ये कहा कि इस वजह से उनका पूरा ध्यान 2021 ओंलपिक और 2022 में होने वाली कॉमनवेल्थ गेंम्स पर है.

Last Updated : Jun 2, 2020, 8:07 PM IST

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