हैदराबाद: भारतीय पैरालिंपियन शरद कुमार अपने कोच के लिए चिंतित हैं क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच बात युद्ध तक पहुंच गई है. यूक्रेन के आसमान पर मिसाइलें बरसती दिख रहीं हैं जो जमीनों को चकनाचूर कर रहीं हैं. सुरक्षा के लिए चिल्ला रहे लोगों को खामोश कर दिया गया है ऐसे में कुछ लोग या तो भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में रह रहें हैं और अन्य मिसाइलों की गड़गड़ाहट से दूर शरण लेने की कोशिश कर रहें हैं.
शरद कुमार, जिन्होंने पिछले साल टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीता था उन्होंने 2017 से टोक्यो पैरालिंपिक से पहले तक यूक्रेन के खार्किव के निवासी निकितिन येवेन के संरक्षण में हाई जम्प की बारीकियां सीखीं थीं.
चिंतित शरद कुमार ने ईटीवी भारत को टेलीफोन पर बातकर बताया, "मैंने कल शाम कोच से बात की थी, वो सभी चिंतित हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में और अधिक बमबारी हो रही है. वो वर्तमान में भूमिगत रह रहे हैं. उनका परिवार डरा हुआ है."
उनके अनुसार, रूस से निकाली मिसाइलें "कोई पासपोर्ट नहीं देख रही हैं हमला करने से पहले"
खार्किव शहर राजधानी कीव से सिर्फ 500 किलोमीटर की दूरी पर है, जो वर्तमान में एक चौतरफा रूसी हमले का सामना कर रहा है, लेकिन रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सेना कड़े प्रतिरोध का सामना कर रही है, जबकि बढ़ती मौतों के बीच कई लोग वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
वो अपने कोच के परिवार के बारे में चिंतित है जो यूक्रेन में अपने घर पर हैं.
शरद ने कहा, "मैंने जो कुछ भी जीता वो उनकी वजह से था. मैं उनके परिवार के बारे में चिंतित हूं. मैं वहां चार साल तक यूक्रेन में रहा और उन्होंने मेरी देखभाल की थी. अगर मैं किसी चीज में कुछ जीता हूं तो वो भी उनकी वजह से,"