हैदराबाद : 43 वर्षीय काशीनाथ नाइक के लिए, खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब सोमवार तड़के नीरज चोपड़ा ने हंगरी के बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीतकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया. मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने.
काशीनाथ नाइक, जो पुणे स्थित प्रतिष्ठित आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में कोचिंग देते हैं, ने नीरज को उसके शुरुआती दिनों से देखा था. 2013 से 2018 (एशियाई खेलों से पहले) तक भारतीय एथलेटिक्स टीम के कोच रहे काशीनाथ नाइक ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया, 'मैं 2015 से उनके साथ काम कर रहा हूं और वह अपने आत्मविश्वास के कारण ही विजयी हुए हैं'.
2010 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक विजेता काशीनाथ नाइक के अनुसार, नीरज विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे, क्योंकि उनके शानदार करियर से केवल यही पदक गायब था.
भाला फेंक में 15 बार के राष्ट्रीय चैंपियन, काशीनाथ नाइक ने कहा, 'नीरज ने पोलैंड में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप जीती थी, फिर उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों, इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों, 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता और फिर डायमंड लीग में चैंपियन बनकर उभरे. केवल विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक गायब था और उसका सपना इसे हासिल करना था. उसका सपना आखिरकार पूरा हो गया.