हैदराबाद: भारत के लंबी कूद के खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर इस बार टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. करीब दो महीने पहले श्रीशंकर ने अपने ही रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया था. उन्होंने पटियाला में फेडरेशन कप सीनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 8.26 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था.
फेडरेशन कप सीनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में केरल के खिलाड़ी ने अपने ही रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया था.
22 वर्षीय युवा एथलीट को इस बार टोक्यो ओलंपिक में बहुत ही उम्दा प्रदर्शन की उम्मीद है. श्रीशंकर को अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ को बेहतर बनाने और ओलंपिक में "पोडियम पर उतरने" का भरोसा है.
हालांकि टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने के साथ ही श्रीशंकर ने यूरोप जाकर खुद को ज्यादा बेहतर रूप से तैयार करने और ट्रेंनिग करने के बारे में सोचा था और इसको लेकर वह काफी गंभीर भी थे, लेकिन कोविड-19 के चलते यात्रा प्रतिबंधों और निलंबित उड़ानों ने उन्हें अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है.
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ETV Bharat के साथ खास बातचीत के दौरान मुरली श्रीशंकर ने अपने बयान में कहा, "अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो मुझे यकीन है कि मैं टोक्यो में अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर बनाने में सक्षम हो जाऊंगा. मैं शीर्ष चार के लिए लक्ष्य बनाऊंगा. पदक जीतने के लिए आपको सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है लेकिन अगर मैं अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से बेहतर करता हूं तो पोडियम पर जरूर उतरूंगा."
अन्य देशों के खिलाड़ी लगातार अभ्यास के साथ खुद को टोक्यो ओलंपिक के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर रहे हैं लेकिन यात्राएं निलंबित होने के बाद भी श्रीशंकर ने अपनी उम्मीद नहीं खोई है. उन्होंने अपने बयान में कहा, "टोक्यो खेलों से पहले गति बढ़ाने के लिए प्रतियोगिताओं की वास्तव में आवश्यकता है और मुझे चिंता है कि यह इस साल उड़ान रद्द होने के कारण नहीं होगा लेकिन मुझे यकीन है कि एक रास्ता होगा."
अगर यूरोप में ट्रेनिंग की योजना पूरी नहीं होती है, तो लॉन्ग जम्पर एशियाई सर्किट में भाग लेकर खुद को तैयार करना चाहते हैं.
श्रीशंकर के अनुसार, "मैं यूरोप के बारे में आशावादी हूं, लेकिन अगर यूरोप नहीं जा सकते तो एशियाई सर्किट में भी प्रतिस्पर्धा है. मैं ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने से पहले (इसके लिए) आगे देख रहा हूं."
जानकारी के लिए बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में अब मुश्किल से ढाई महीने का समय बचा है. ऐसे में श्रीशंकर की तैयारी पूरी तरह से जोरों पर है क्योंकि वह सुधारात्मक बदलाव कर अपनी कमियों पर काम कर रहे हैं, जिसे उन्होंने फेडरेशन कप के ठीक बाद शुरू कर दिया था.
उन्होंने कहा, "फेडरेशन कप के तुरंत बाद, हमने अपनी सभी कमियों पर विचार किया, इस अर्थ में कि मैं किन तकनीकीताओं से पिछड़ रहा हूं. हमने सब कुछ समन्वित किया और हम उस पर काम कर रहे हैं."