नई दिल्ली : यूरोपियन सेक्स चैम्पियनशिप की स्वीडन के द्वारा मेजबानी किए जाने व 8 जून को गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप आयोजित होने की खबर को फेक व सिर्फ वायरल न्यूज बताया जा रहा है. स्वीडन के राष्ट्रीय खेल परिसंघ ने कहा कि यह स्वीडिश खेलों और स्वीडन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलायी गयी गलत सूचना है. इस तरह की कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है. ऐसा माना जा रहा है कि केवल स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन के आधार पर ये खबर फैल गयी थी. जिसे पॉल किकोस के ट्वीट के जरिए जानबूझकर फैलाया गया.
पिछले कई दिनों से कई भारतीय और विदेशी मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि स्वीडन में होने वाली इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया था कि स्वीडन ने सेक्स को खेल के रूप में मान्यता दी है और खेल के रूप में सेक्स को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इसके साथ ही साथ 8 जून से गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप की मेजबानी भी करने जा रहा है.
इतना ही नहीं स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के प्रेसीडेंट ड्रैगन ब्राटिक के हवाले से कहा गया था कि सेक्स को एक खेल के रूप में मान्यता देने से लोगों के बीच इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी. साथ ही साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढावा दिया जा सकेगा, क्योंकि कई देशों में सेक्स को दूसरे नजरिए से देखा जाता है. ऐसी प्रतियोगिताओं से सेक्स के प्रति लोगों के विचारों में भी उदारता आने की संभावना जतायी गयी थी.
लेकिन अब इसे फेक न्यूज करार दिया गया है. स्वीडिश समाचार आउटलेट गोटरबोर्ग्स-पोस्टेन ने अप्रैल में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि स्वीडन के खेल परिसंघ ने तथाकथित स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन को राष्ट्रीय द्वारा खारिज कर दिया था. इससे इस तरह के संगठन को खेल के रूप में न तो मान्यता मिली है और न ही ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है.