लंदन:एलेना रयबाकिना शनिवार को विंबलडन फाइनल में ओन्स जबूर को 3-6, 6-2, 6-2 से हराकर ग्रैंड स्लैम एकल चैम्पियनशिप जीतने वाली कजाकिस्तान की पहली टेनिस खिलाड़ी बन गईं.
मॉस्को में जन्मीं रयबाकिना साल 2018 के बाद से कजाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जिस देश ने उनके टेनिस करियर के लिए उन्हें वित्तीय मदद देने की पेशकश की थी. इस पर विंबलडन के दौरान काफी चर्चा भी होती रही. क्योंकि आल इंग्लैंड क्लब ने यूक्रेन पर हमले के कारण रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया था. यह आल इंग्लैंड क्लब पर साल 1962 के बाद पहला महिला खिताबी मैच रहा, जिसमें दोनों खिलाड़ी अपने पदार्पण में मेजर फाइनल में पहुंची हों.
रयबाकिना की रैंकिंग 23 है. साल 1975 में जब से डब्ल्यूटीए कम्प्यूटर रैंकिंग शुरू हुई है, महज एक महिला खिलाड़ी ऐसी हैं, जिसने रयबाकिना से निचली रैंकिंग पर रहते हुए विंबलडन खिताब जीता और वो हैं वीनस विलियमस, जिन्होंने साल 2007 में खिताब जीता था. तब उनकी रैंकिंग 31वीं थी. हालांकि, इससे पहले वीनस नंबर एक रह चुकी थीं और आल इंग्लैंड क्लब में अपने करियर की पांच ट्राफियों में से तीन जीत चुकी थीं.
रयबाकिना ने सेंटर कोर्ट पर जाबेर की स्पिन और स्लाइस से पार पाने के लिए अपनी सर्विस और ताकतवर फॉरहैंड का बेहतर इस्तेमाल किया. रिबाकिना ने इस तरह जाबेर की लगातार 12 मैच जीतने की लय तोड़ दी. जबूर की यह लय ग्रासकोर्ट पर चल रही थी.
जीत के बाद रयबाकिना ने कहा, मैं मैच से पहले और मैच के दौरान बहुत नर्वस थी. मुझे खुशी है कि यह समाप्त हो गया है. वास्तव में मैंने कभी ऐसा कुछ महसूस नहीं किया है. मैं समर्थन के लिए भीड़ को धन्यवाद देना चाहती हूं, यह इन दो हफ्तों में अविश्वसनीय था.