नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अंदर विवाद दिन ब दिन गहराता जा रहा है. अब कार्यकारी परिषद (ईसी) के सदस्य ने आईओए के सदस्यों से आत्मनिरीक्षण करने की बात कही है.
भोलानाथ सिंह ने एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि आईओए के सचिव राजीव मेहता, कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे और उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल, ये सभी लोग अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा पर आरोप लगा रहे हैं और गलत भाषा का उपयोग कर रहे हैं.
आईओए उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल बत्रा के करीबी माने जाने वाले सिंह ने इन तीनों को ही कटघरे में खड़ा किया.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा,"सर आज खेल जगत ऐसे मुकाम पर है कि जहां हमें फैसला लेना होगा कि क्या हम इन आईओए की छवि खराब करने वाले के साथ रहें या नहीं. ये बात भी ध्यान में लाना जरूरी है कि 2019-20 का वित्तीय पत्र पर अभी भी अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. ये वित्तीय पत्र कई अधिकारियों को जमा किए जाते हैं."
आईओए अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा उन्होंने कहा,"इस सेक्टर में ये अपने हितों के लिए बदला लेने की इच्छा, खासकर इस समय जब हम अपने आप को विश्व स्तर पर एक लीडर के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं, गलत है और गैरपेशेवर है."
उन्होंने आगे लिखा,"असहमति के नाम पर मिली भगत से विरोध करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय में नकारात्मक संदेश भेजेगा और हमारी साख पर बट्टा लगाएगा."