नई दिल्ली:भारतीय बैडमिंटन के युवा सितारे लक्ष्य सेन बर्मिंघम में उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे चार महीने पहले वह चूक गए थे. सेन चार महीने पहले ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन स्वर्ण पदक से वंचित रह गए थे. वह पिछले 21 साल में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे.
अल्मोड़ा के इस 20 साल खिलाड़ी को अब 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में बर्मिंघम एरेना में अपनी चमक बिखेरने का एक और मौका मिलेगा. वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं. सेन ने पीटीआई से कहा, मुझे उस हॉल में खेलना पसंद है. वहां की परिस्थितियां मेरे अनुकूल हैं. मेरी वहां से अच्छी यादें जुड़ी हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी मैं वहां अच्छा प्रदर्शन करूंगा. यह भी बड़ा टूर्नामेंट है और इसलिए मैं बेहतर प्रदर्शन करके पदक जीतना चाहता हूं. उन्होंने कहा, सभी तीन-चार शीर्ष खिलाड़ियों के पास पीला तमगा जीतने का अच्छा मौका होगा. मैं पदक के रंग के बारे में नहीं सोच रहा हूं. मैं वहां जाकर एक बार में एक मैच पर ध्यान देना चाहता हूं. भारत ने पिछली बार गोल्ड कोस्ट खेलों में मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीता था और तब सेन ने इसे टेलीविजन पर देखा था.
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सेन ने कहा, पिछली बार जब भारत ने स्वर्ण पदक जीता था तो मैंने उसे टीवी पर देखा था. इससे पहले मैंने (पारुपल्ली) कश्यप भैया को साल 2014 में स्वर्ण पदक जीतते हुए देखा था. लेकिन साल 2018 में बहुत अच्छा लगा, मैं तब टीम का हिस्सा बनना चाहता था. उन्होंने कहा, राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है. मुझे लगता है कि यह प्राथमिकता के मामले में विश्व चैंपियनशिप के बराबर होगा. हर कोई ओलंपिक खेलने की इच्छा रखता है, लेकिन इससे पहले आप इस तरह की कई प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं.
इस युवा खिलाड़ी ने कहा, इसलिए मैं इस बारे में बहुत सोच रहा हूं कि एक टीम के रूप में हम पिछली बार मिली उपलब्धि को कैसे दोहरा सकते हैं. इसे दोहराना आसान नहीं होगा, लेकिन मैं इसके लिए उत्सुक हूं.
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