नई दिल्ली : भारत की स्टार बॉक्सर और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं. रविवार को के डी जाधव स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 के फाइनल मैच खेले गए. 75 किलोग्राम वर्ग में खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज कैटलीन पार्कर को हराकर भारत की बेटी लवलीना ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है.
लवलीना पूरे मैच में लय में नजर आईं और सभी 3 राउंड में बेहतर खेल दिखाया. लवलिना ने अपनी प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज कैटलीन पार्कर को स्पलिट डिसीजन से हराकर भारत को महिला विश्व चैंपियनशिप 2023 में चौथा गोल्ड मेडल दिलाया. लवलिना ने आक्रामण रुख अपनाये रखा और ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज को ज्यादा मौके नहीं दिए.
लवलिना का जन्म 2 अक्टूबर 1997 को असम के गोलाघाट जिले के बरोमुखिया नामक एक सुदूर गांव में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम टिकेन बरगोहाइं और मामोनी बरगोहाइं है. लवलीना का बचपन बेहद ही साधारण गुजरा लेकिन लवलीना के पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया. वो पहले किक बॉक्सिंग किया करती थी लेकिन उनके कोच कोच पादुम बोरो ने लवलीना को मुक्केबाजी में हाथ आजमाने को कहा जिसके बाद उनका जीवन बदल गया.
असम के एक छोटे से गांव की रहने वाली लवलीना के सपने बहुत बड़े थे. घर की आर्थिक हालत ठीक न होने के बावजूद लवलीना ने अपने संघर्ष और मेहनत के बल पर भारत के लिए ओलंपिक तक का सफर तय किया और भारत को पदक भी दिलाया और टोक्यो 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल कर इतिहास रच दिया. लवलीना बोरगोहेन महान बॉक्सर एमसी मैरी कॉम और विजेंदर सिंह के बाद भारत को मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक दिलाने वाली तीसरी मुक्केबाज हैं. लवलीना साल 2018 और 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं. साल 2017 और 2021 की एशियन चैंपियनशिप में भी उनके नाम दो कांस्य पदक हैं. लवलिना ने अब महिला वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर से पूरे देश को गौरवान्वित किया है.
भारत की महिला मुक्केबाजों ने विश्व चैंपियनशिप 2023 में इतिहास रचा है. भारत की चार मुक्केबाज नीतू घणघस, स्वीटी बूरा, निकहत जरीन के बाद अब लवलीना बोरगोहेन ने भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर भारत की झोली में चार गोल्ड मेडल डाल दिए हैं. भारत की 125 करोड़ जनता को इसी दिन का इंतजार था. चारों मुक्केबाजों के फाइनल में प्रवेश करने के बाद से ही सभी देशवासियों को गोल्डन पंच की उम्मीद थी. भारत की चारों बेटियों ने भी देशवासियों को निराश न करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किए. पूरे देश को भारत की इन चारों बेटियों पर गर्व है.
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