नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने गुरुवार को अपने हाई परफॉर्मेस डायरेक्टर्स और प्रशिक्षकों से डोपिंग को लेकर सख्त निगहरानी रखने को कहा है ताकि ऐसी धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय शिविर से बाहर किया जाए. बीएफआई ने साथ ही डोपिंग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर तीन महीने पर एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही है.
BFI ने प्रशिक्षकों से डोपिंग के खिलाफ सतर्क होने को कहा
बीएफआई के महासचिव ने कहा है, "ये बेहद निराशाजनक जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता कि हमारे दो मुक्केबाज हाल ही में डोपिंग में पकड़े गए हैं. अगर ये मुक्केबाज द्वारा जानबूझकर लिया गया कदम है तो ये साफ है कि इसका मकसद धोखाधड़ी है
बीएफआई के महासचिव जय कोहली ने एक बयान में कहा है, "ये बेहद निराशाजनक जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता कि हमारे दो मुक्केबाज हाल ही में डोपिंग में पकड़े गए हैं. अगर ये मुक्केबाज द्वारा जानबूझकर लिया गया कदम है तो ये साफ है कि इसका मकसद धोखाधड़ी है और हमें इसे कबूल नहीं करना चाहिए। धोखाधड़ी से जीत हासिल करना किसी तरह से कबूल नहीं किया जाएगा."
उन्होंने लिखा, "अगर मुक्केबाज निर्दोष है और यह वाकई गलती है तो हमें खिलाड़ी के साथ खड़ा होना चाहिए. भविष्य में इस तरह की गतिविधियां न हों इसके लिए जरूरी है कि सख्त निगहरानी की जाए. हमें सभी मुक्केबाजों, प्रशिक्षकों, सपोर्ट स्टाफ को इस बारे में जानकारी देने की जरूरत है, वो भी साल में सिर्फ एक बार नहीं बल्कि लगतार, जहां तक हो सके हर तीन महीने में."
हाल ही में एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता सुमित सांगवान और नीरज फोगाट डोप में पकड़े गए हैं.