नई दिल्ली: पिछले महीने पटियाला में हुई इंडियन ग्रां प्री (आईजीपी) में कराए गए डोप परीक्षण में दो एथलीट विफल रहे, एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला से जब पूछा गया कि ओलंपिक वर्ष में एथलीटों का डोपिंग मामले में फंसना क्या चिंताजनक बात नहीं है , तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ''जब नाडा (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) ने एथलीट शब्द का इस्तेमाल किया तो यह एक सामान्य शब्द है. आप अन्य खेलों के बारे में भी जानते हैं जो एथलेटिक्स में आता है। एथलीट और एथलेटिक्स में थोड़ा अंतर है.''
उन्होंने कहा, ''ऐसे में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नीरज चोपड़ा या मुरली श्रीशंकर जैसे एथलीट भी डोपिंग के संदिग्धों में शामिल हो गए जिससे उन्हें बुरा लगता होगा. मैं इससे काफी निराश हूं.'' सुमरिवाला ने कहा कि एएफआई 'डोपिंग के प्रति शून्य सहिष्णुता' बरतता है.
उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''अगर कोई डोपिंग मामले में पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ वाडा (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी), नाडा और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। हम डोपिंग करने वाले का समर्थन नहीं करेंगे, जो भी कार्रवाई करनी होगी वह की जाएगी.'' सुमरिवाला ने कहा कि एएफआई कोविड -19 महामारी के मद्देनजर भारतीय एथलीटों को कहां रखा जाए इस पर काम कर रहा है जिससे कि वे तोक्यो खेलों से पहले टूर्नामेंट में भाग ले सकें.