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एशियन गेम्स टलने से भारतीय एथलीटों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए समझते हैं... - hangzhou

किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि साल 2022 में भी ऐसी स्थिति सामने आएगी. लेकिन बीते दिन शुक्रवार (6 मई) को एक एलान के साथ फिर दो साल पुराने हालात बनते दिख रहे हैं. मार्च 2020 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति कमेटी ने कोरोना के कारण टोक्यो ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए टालने का फैसला किया था. फिर साल 2021 में ये खेल आयोजित हुए और जब लगने लगा कि दुनियाभर में हालात सामान्य हो रहे हैं तो चीन से बुरी खबर आ गई. ऐसे में इस साल सितंबर महीने में होने वाले हांगजो एशियन गेम्स को चीन में फैली कोरोना महामारी की नई लहर के कारण अनिश्चितकाल के लिए लिए स्थगित कर दिया गया है. आइए जानते हैं, एशियन गेम्स स्थगित होने से भारतीय एथलीटों पर क्या प्रभाव पड़ेगा...

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Asian Games 2022

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Published : May 7, 2022, 5:05 PM IST

हैदराबाद:चीन के हांगझोउ में 10 से 25 सितंबर तक होने वाले एशियाई खेलों को स्थगित कर दिया गया है. एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने कहा कि यह निर्णय कोरोना महामारी की स्थिति और खेलों के आकार पर ध्यान से विचार करने के बाद लिया गया है. ओसीए ने यह नहीं बताया है कि खेल इस साल कब होंगे या साल 2023 तक बढ़ा दिए जाएंगे. साल 1951 के बाद पहली बार है कि नई दिल्ली में अपने उद्घाटन संस्करण के बाद से किसी एशियाई खेलों को स्थगित कर दिया गया है.

ट्रैक और फील्ड एथलीटों और अधिकारियों का कहना है कि एशियाई खेलों का स्थगन उनके लिए अच्छा है. भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों और राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों ने शुक्रवार को हांगजो एशियाई खेलों के स्थगित होने पर राहत की भावना के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अब उन्हें सीजन में देर से अपने प्रदर्शन को और अच्छा करने की आवश्यकता नहीं होगी.

ट्रैक और फील्ड एथलीटों के लिए स्थगन भी एक राहत है. क्योंकि उनके पास इस सीजन में कई बड़े टिकट थे और अब एशियन गेम्स टलने के बाद वे आसानी से सांस ले सकते हैं. अब वे केवल यूजीन, यूएसए में विश्व चैंपियनशिप (15-24 जुलाई) और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से 8 अगस्त) पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों ने इंडोनेशिया में साल 2018 एशियाई खेलों में देश के कुल 70 में से 20 पदक (8 स्वर्ण, 9 रजत, 3 कांस्य) जीते थे.

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टेनिस स्टार खिलाड़ी सानिया मिर्जा के लिए, जो 35 साल की हैं, पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि साल 2022 उनका आखिरी सीजन होगा. सबसे सफल भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी को अब नए सिरे से आकलन करना होगा कि क्या वह अपने करियर को कुछ और महीनों तक आगे बढ़ा सकती हैं. डेविस कप खिलाड़ी राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि नॉर्वे के खिलाफ होने वाले मुकाबले (16-17 या 17-18 सितंबर) की तारीख एशियाई खेलों से नहीं टकराएगी और एआईटीए दोनों में सर्वश्रेष्ठ टीमों को मैदान में उतार सकती है.

वहीं, तीन बार के ओलंपियन और साल 2010 के ग्वांगझोउ एशियाई खेलों के व्यक्तिगत रजत पदक विजेता तरुणदीप राय ने हांगजो इवेंट के बाद सितंबर 2022 में संन्यास लेने की योजना बनाई थी और अब वह ठीक है. भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने स्थगन को सकारात्मक रूप से लेते हुए कहा है कि इससे उन्हें महाद्वीपीय शोपीस की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा. हॉकी महासंघ दोनों टीमों में अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतार सकता है और पदक की संभावना बढ़ा सकता है. हॉकी इंडिया ने दूसरे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में और सर्वश्रेष्ठ टीम को हांगजो भेजने का फैसला किया था. स्थगन का हॉकी टीमों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. बल्कि, वे बड़ी चुनौती के लिए तैयार होने के लिए अधिक समय पाकर खुश हैं.

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स्थगन ओलंपिक योग्यता को प्रभावित कर सकता है

खेलों को एक साल के लिए स्थगित करना इस तथ्य से और जटिल होगा कि साल 2023 एक ओलंपिक योग्यता वर्ष है. भारतीय मुक्केबाजी टीम के उच्च प्रदर्शन वाले निदेशक सैंटियागो नीवा कहते हैं, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा कि अगले साल खेलों का आयोजन कब होगा. अगर खेलों को कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दिया जाता तो यह फायदेमंद होता. क्योंकि इससे हमें राष्ट्रमंडल खेलों के बाद तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाता. हालांकि, अगर इसे एक साल के लिए स्थगित कर दिया जाता है, तो यह संभवतः ओलंपिक योग्यता चक्र के बीच में आयोजित किया जाएगा. नीवा के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीए) ने घोषणा की है कि साल 2024 ओलंपिक के लिए योग्यता सुनिश्चित की जाएगी.

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एथलीटों की तैयारियों के लिए भारत सरकार ACTC और TOPS के माध्यम से काफी खर्च कर रही है. अब एशियाई खेलों के स्थगित होने के साथ, सरकारी अधिकारियों को एनएसएफ के साथ बैठकर चर्चा करनी होगी कि क्या राष्ट्रीय शिविरों को बढ़ाने की आवश्यकता है और यदि एथलीटों के लिए अधिक विदेशी प्रशिक्षण-सह-प्रतियोगिता यात्राओं की आवश्यकता है. इस तरह के अनुरोध आने पर सरकार के इनकार करने की संभावना नहीं है. लेकिन निश्चित रूप से इसका मतलब अधिक बोझ है, क्योंकि अब तक खर्च किए गए धन का उपयोग राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों दोनों के लिए किया जा रहा था, क्योंकि उनके बीच कम समय अंतराल था.

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