Asian Games: भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने 37 साल बाद रचा इतिहास, सिल्वर मेडल किया अपने नाम
भारत को एशियन गेम्स में 37 साल से पुरुष बैडमिंटन में कोई भी पदक हासिल नहीं हुआ था. अब 37 साल बाद भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर इतिहास रच दिया है. भारत को आखिरी बार 1986 के सियोल संस्करण के दौरान ब्रॉन्ज मेडल मिला था. तब से अब तक एशियन गेम्स में बैडमिंटन पुरुष टीम कोई भी मेडल नहीं जीत पाई थी.
हांगझोऊ :इंडियन पुरुष बैडमिंटन टीम ने 19वें एशियाई खेलों में रविवार को सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. उन्हें गत चैंपियन चीन से स्वर्ण पदक मैच में 2-3 से हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही उन्होंने अपने नाम रजत पदक दर्ज किया. भारत की टीम ने प्रतिस्पर्धा में 37 साल का सूखा खत्म किया है.
37 साल का सूखा किया समाप्त एशियाई खेलों में पुरुष टीम स्पर्धा में यह भारत का पहला रजत था. आखिरी बार पुरुष टीम ने 1986 के सियोल संस्करण के दौरान एशियाई खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था. प्रकाश पदुकोण और सैयद मोदी जैसे दिग्गजों ने उस टीम का नेतृत्व किया था, जिसमें विमल कुमार, रवि कुंटे, उदय पवार, सनत मिश्रा और लेरॉय डिसा शामिल थे.
गत चैंपियन के खिलाफ फाइनल मैच से पहले भारत को शीर्ष एकल खिलाड़ी एच.एस. प्रणय की कमी महसूस हुई क्योंकि शनिवार को दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली जीत के दौरान लगी चोट के कारण उन्हें रविवार को मैदान में नहीं उतारा गया था. प्रणॉय की अनुपस्थिति में मिथुन मंजूनाथ ने पांचवां मैच खेला और चीन के होंगयांग वेंग से हार गए. शुरुआती मुकाबले में लक्ष्य सेन ने दुनिया के छठे नंबर के खिलाड़ी शी युकी को 22-20, 14-21, 21-18 से हराया.
इसके बाद पुरुष युगल में दुनिया की तीसरे नंबर की जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी ने दुनिया के की दूसरी नंबर की लियांग वेइकेंग और वांग चांग की जोड़ी के खिलाफ 21-15, 21-18 से जीत दर्ज कर भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी. लेकिन अगले मैच में ली शिफेंग ने पूर्व विश्व नंबर 1 श्रीकांत को 24-22, 21-9 से हरा दिया. लियू युचेन और ओउ जुआनयी की पुरुष जोड़ी ने 21-6, 21-5 से ध्रुव कपिला और साई प्रतीक की जोड़ी के खिलाफ जीत दर्ज की.
चार मैचों के बाद चीनी टीम ने स्वर्ण पदक मुकाबले को 2-2 से बराबर कर लिया. आखिरी मुकाबले में मंजूनाथ मैच बचाने में असफल रहे और उन्हें 6-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा. इसके परिणामस्वरूप भारत यह मुकाबला 2-3 से हार गया और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा. सोमवार से बैडमिंटन की एकल, युगल और मिश्रित युगल स्पर्धाएं शुरू हो रही हैं इस दौरान भारत को पदक मिलने की उम्मीद है.