पानीपत:एशियन गेम्स 2023 में गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा भी हिस्सा ले रहे हैं. नीरज चोपड़ा से सभी को इस बार फिर गोल्ड मेडल की उम्मीद है. 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा पहले ही देश को गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. अब की बार भी नीरज ने परिजनों को गोल्ड मेडल देने का वादा किया है. आज से नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स में भाला फेंक प्रतियोगिता में एक बार फिर से अपना दम दिखाएंगे. नीरज चोपड़ा का मुकाबला शाम 4 बजे के बाद है. नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स में इस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे.
'फिर से दोहराएंगे वही मेडल श्रृंखला': नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया '2 दिन पहले ही नीरज से बात हुई थी उसने बताया कि वह गेम के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बार भी वह देशवासियों की उम्मीद पर खरा उतरेगा. नीरज देश को गोल्ड मेडल जरूर दिलाएगा. नीरज ने फोन पर बताया था कि वह एक बार फिर से अपने जीती गई चैंपियनशिप मेडल श्रृंखला को दोबारा दोहराना चाहता है. वह जो मेडल जीत चुका है, उन्हें फिर से एक बार और हासिल करना चाहता है, जिसके लिए वह जी तोड़ लगाकर मेहनत कर रहा है.'
चोट के कारण एशियन गेम्स से बाहर हुए पाकिस्तान के नदीम: पाकिस्तान के अरशद नदीम चोट के कारण एशियन गेम्स से बाहर हो गए हैं. नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी के रूप में 9 बार खेल चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि नदीम नीरज से कभी नहीं जीत पाए. अरशद नदीम इस एशियन गेम्स में पूरी तैयारी के साथ हिस्सा ले रहे थे. डायमंड लीग के फाइनल में नीरज चोपड़ा दूसरे स्थान पर रहे थे और उन्होंने 83.80 मीटर का थ्रो किया था. वर्ल्ड एथलीट्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर थ्रो फेंकने का प्रयास करने की बात कही थी, लेकिन नीरज चोपड़ा 90 मीटर का थ्रो नहीं फेक पाए. नीरज चोपड़ा 90 मीटर का अचीवमेंट अब तक हासिल नहीं कर पाए हैं, लेकिन अरशद नदीम 90 मीटर भाला फेंक चुके हैं. बता दें कि 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा पहले ही देश को गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, जिसमे पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम ने भी हिस्सा लिया था.
नीरज चोपड़ा पिछले 11 साल से लगातार मेहनत कर रहा है. कुछ पाने के लिए कुछ बलिदान भी देने पड़ते हैं. नीरज ने परिवार से दूर रहकर एक बलिदान दिया है और अपने आप को इस काबिल बनाया है. हां, इस बीच वह परिवार से भले ही दूर रहा, लेकिन परिवार के सदस्यों के बीच वह हमेशा रहा है. हमेशा परिवार उसके साथ खड़ा है. हमेशा उससे बात होती रहती है. वह अपनी आगे की योजनाओं को लेकर परिवार से चर्चा करता है. - भीम चोपड़ा, नीरज चोपड़ा के चाचा