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एशियाई मुक्केबाजी: मैरीकॉम, साक्षी फाइनल में पहुंचीं, 3 भारतीय सेमीफाइनल में हारीं

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Published : May 28, 2021, 12:42 PM IST

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं टॉप सीड मैरीकॉम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया. लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकॉम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है.

Asian championship 2021: Top seed Mary Kom enters final
Asian championship 2021: Top seed Mary Kom enters final

नई दिल्ली:छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरीकॉम और साक्षी ने दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली, जबकि मोनिका, जैस्मीन और सिमरनजीत कौर बाथ को हालांकि सेमीफाइनल में हार मिली.

टूर्नामेंट में भारत ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हुए 13 कांस्य और दो रजत पक्का किया है. गुरुवार को मैरीकॉम, मोनिका, साक्षी, जैस्मीन और सिमरनजीत के अलावा लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी.

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं टॉप सीड मैरीकॉम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया. लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकॉम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है.

फाइनल में मैरीकॉम का सामना कजाकिस्तान की नज्म जैबे से होगा. जैबे ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका की नदीका पुष्पकुमारा को अपने मुक्कों से पहले ही राउंड में धराशायी कर दिया.

मैरीकॉम का एशियाई चैम्पियनशिप में ये सातवां पदक है. 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कॉम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है.

54 किग्रा के सेमीफाइनल में साक्षी का सामना कजाकिस्तान की टॉप सीड दिना झोलामान से हुआ. दो बार युवा विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकीं साक्षी अपने मुक्कों का जलवा दिखाते हुए झोलामान को चौंकाया और 3-2 से हराते हुए अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया.

इस तरह फाइनल में पहुंचने वाली वह मैरीकॉम के बाद दूसरी महिला मुक्केबाज बनीं. फाइनल में साक्षी का सामना उजबेकिस्तान की सिरोता शोहदारोवा से होगा। सिरोता ने दूसरे सेमीफाइनल में मंगोलिया की इरदेनेदलाई मिचिदमा को हराया.

57 किग्रा के सेमीफाइनल में भारत की जैस्मीन का सामना कजाकिस्तान की ब्लादिस्लावा कुकता से हुआ. जैस्मीन इस मुकाबले में कहीं नहीं टिक सकीं और 0-5 से हारते हुए कांस्य से संतोष करने पर मजबूर हुईं.

लाइटवेट केटेगरी के सेमीफाइनल में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं भारत की सिमरनजीत का सामना कजाकिस्तान की रिम्मा वोलोसेन्को से हुआ। बैंकॉक में रजत पदक जीत चुकीं सिमरनजीत इस बार फाइनल तक का सफर नहीं तय कर सकीं और यह मुकाबला 0-5 से हार गईं. फाइनल में वोलोसेन्को का सामना इंडोनेशिया की हुसवातुन हासाना से होगा, जिन्होने टॉप सीड ताजिकिस्तान की शोइरा जुल्केनारोवा को चौंकाया.

इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली. मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा. फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उज्बेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा. गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टॉप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया.

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है. भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे. भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी.

इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे.

एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे. पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं.

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