नई दिल्ली:पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर ने अपने ऊपर लगे तीन साल के निलंबन को हटाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाया खटखटाया है. ये याचिका उनके वकील अमित कुमार शर्मा और सत्यम सिंह राजपूत ने दायर की है और भारतीय पैरालम्पिक समिति (PCI) की अनुशासन समिति द्वारा लगाए गए निलंबन को हटाने की मांग की है.
पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर याचिका में अदालत से करमाकर को PCI के तैराकी टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति भी मांगी गई है.
इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को हो सकती है.
याचिका में कहा गया है, "ये साफ है कि अनुशासत्मक कार्यवाही अनुच्छेद 14 और 21 के तहत सही और तर्कसंगत होनी चाहिए. ये बात भी साफ है कि न्याय अनुच्छेद 14 का अहम हिस्सा है. याचिकाकर्ता विन्रमता पूर्वक माननीय उच्च न्यायालय का इस मामले में हस्तक्षेप चाहते हैं क्योंकि उन्हें मनमाने तरीके से PCI द्वारा निलंबित किया गया. याचिकाकर्ता देश के मशहूर खिलाड़ी हैं जिन्होंने कई बार देश को गौरवांवित किया है."
याचिका में कहा गया है कि मनमाने और गैरकानूनी तरीके से निलंबन करना मौलिक अधिकारों का हनन है.