नई दिल्ली:टोक्यो ओलंपिक में भारत के चार तीरंदाज अपनी चुनौती पेश करेंगे, जिनमें पेरिस में विश्व कप में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका कुमारी भी शामिल हैं. जो अभी तक इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं.
भारत के कुल 21 तीरंदाजों (13 पुरुष, आठ महिला) ने साल 1988 से 2016 तक ओलंपिक खेलों में भाग लिया है. तीरंदाजी को भारत ही नहीं विश्व के सबसे पुराने खेलों में से एक माना जाता है. ओलंपिक में भी साल 1900 में इस खेल को शामिल कर दिया था. इसके बाद साल 1904, 1908 और 1920 में भी तीरंदाजी ओलंपिक खेलों का हिस्सा रही, लेकिन इसके बाद इसे खेलों से हटा दिया गया.
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म्युनिख ओलंपिक साल 1972 में 52 साल बाद तीरंदाजी की एकल स्पर्धाओं के जरिए ओलंपिक में वापसी हुई. बाद में इसमें युगल और टीम स्पर्धाएं भी जोड़ी गई. भारत ने पहली बार साल 1988 में सियोल ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी में हिस्सा लिया. उसके बाद सिडनी ओलंपिक (2000) को छोड़कर प्रत्येक खेलों में भारतीय तीरंदाजों ने अपना प्रतिनिधित्व पेश किया.
लिम्बा राम, संजीव सिंह और श्याम लाल ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले पहले भारतीय तीरंदाजों में शामिल थे. लिम्बा राम ने बार्सिलोना ओलंपिक 1992 और अटलांटा ओलंपिक साल 1996 में भी भाग लिया था. बार्सिलोना में वह केवल एक अंक से कांस्य पदक से चूक गए थे. एथेन्स ओलंपिक 2004 में पहली बार तीन भारतीय महिला तीरंदाजों डोला बनर्जी, रीना कुमारी और सुमंगला शर्मा ने हिस्सा लिया था.