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ऑनलाइन नेशन्स कप में भारत की अगुआई करेंगे आनंद, 10 मई को होगा फाइनल

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Published : Apr 22, 2020, 12:13 PM IST

दिग्गज शतरंज खिलाड़ी और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद पांच से दस मई के बीच होने वाली टीम प्रतियोगिता ऑनलाइन नेशन्स कप में भारत की अगुआई करेंगे.

Former world champion Viswanathan Anand
Former world champion Viswanathan Anand

हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) और चेस.कॉम ने घोषणा की कि ऑनलाइन नेशन्स कप में छह टीमें भाग लेंगी. फिडे ने अपनी वेबसाइट से कहा कि इस टूर्नमेंट में रूस, अमेरिका, यूरोप, चीन और भारत के अलावा शेष विश्व की टीम भी भाग लेंगी.

इनामी राशि 180,000 डॉलर

ऑनलाइन नेशन्स कप की इनामी राशि 180,000 डॉलर है. संन्यास ले चुके दिग्गज गैरी कास्पारोव और व्लादिमीर क्रैमनिक क्रमश: यूरोप और भारतीय टीमों के कप्तान होंगे. कभी इन दोनों के प्रतिद्वंद्वी रहे आनंद भारत की तरफ से पहले बोर्ड पर खेलेंगे.

इसमें दुनिया के सभी शीर्ष खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है. पहले चरण में छह टीमें डबल राउंड रोबिन में एक दूसरे से भिड़ेंगी. शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें दस मई को सुपर फाइनल में खेलेंगीं.

दो महीने से जर्मनी में फंसे हैं आनंद

पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का मानना है कि आनलाइन माध्यम का सहारा लेकर शतरंज दुनिया भर में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से काफी अच्छी तरह सामंजस्य बैठाने में सफल रहा है. आनंद ने साथ ही कहा कि दो महीने से जर्मनी में फंसे होने के कारण वो भी ऑनलाइन माध्यम से ही अपने परिवार के संपर्क में हैं. आनंद बुंदेसलीगा शतरंज में एससी बादेन की ओर से खेलने के लिए फरवरी में जर्मनी गए थे. कोराना वायरस महामारी के कारण हालांकि यात्रा संबंधित पाबंदियों के कारण वह स्वदेश वापस नहीं लौट सके.

मेरे कुछ मित्र करीब ही रहते हैं

पूर्व वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद

फ्रेंकफर्ट के समीप रह रहे आनंद ने पीटीआई से कहा, ''मैं कहूंगा कि जर्मनी में स्थिति काफी सहज है. मैं छोटे शहर में हूं. मुझे एक दो बार बाहर चहलकदमी करने का मौका मिला. बेशक, सुरक्षित दूरी बनाते हुए, साथ ही मैंने कुछ खरीददारी की और जरूरी सामान भी खरीदा. मेरे कुछ मित्र करीब ही रहते हैं और यह बड़ा फायदा है.''

कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा

आनंद का मानना है कि शतरंज अब तक वैश्विक लाकडाउन से काफी अच्छी तरह निपटने में सफल रहा है. उन्होंने कहा, ''किसी को नहीं पता कि इसका (कोविड-19 का) अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा. सबसे पहले शतरंज की बात करते हैं. पहले ही इंटरनेट पर काफी शतरंज होता था. इसलिए पूरी तरह से आनलाइन प्रक्रिया से सामंजस्य बैठाना तुलनात्मक रूप से आसान रहा.'' इस 50 वर्षीय दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, ''इसके बावजूद यह थोड़ा स्तब्ध करने वाला है कि इतने सारे टूर्नामेंट रद हो गए और सभी घर में बैठे हैं. इंटरनेट पर शतरंज खेलना काफी मजेदार होता है.''

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