बर्मिंघम: फॉर्म में चल रहे लक्ष्य सेन, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत पर सभी की नजरें टिकी होंगी जो बुधवार से यहां शुरू हो रही आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भारत के खिताब के 21 साल के सूखे को खत्म करने के इरादे से उतरेंगे.
सिंधू, साइना नेहवाल और श्रीकांत जैसे भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी आल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीतने में नाकाम रहे हैं. पुलेला गोपीचंद (2001) और प्रकाश पादुकोण (1980) ही भारत के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब जीत पाए हैं.
साइना 2015 में फाइनल में पहुंचकर खिताब जीतने के करीब पहुंची थी जबकि ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों जैसी अन्य सभी बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने में सफल रही सिंधू भी आल इंग्लैंड चैंपियनशिप नहीं जीत पाई हैं.
छठे वरीय सिंधू एक बार फिर जीत की दावेदार के रूप में उतरेंगी जबकि 20 साल के लक्ष्य ने इस सुपर 1000 टूर्नामेंट से पहले लगातार अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है.
लक्ष्य पिछले छह महीने से बेहतरीन फॉर्म में हैं. वह पिछले हफ्ते जर्मनी ओपन में उप विजेता रहे जबकि उन्होंने इंडियन ओपन का खिताब जीता और पिछले साल दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे.
अल्मोड़ा के इस खिलाड़ी को पहले दौर में हमवतन सौरभ वर्मा से भिड़ना है.
जर्मनी ओपन के दूसरे दौर में कम रैंकिंग वाली चीन की झेंग यी मेन के खिलाफ शिकस्त झेलने वाली सिंधू अपना अभियान चीन की दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी वैंग झी यी के खिलाफ शुरू करेंगी.
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