नई दिल्ली: ओलंपिक से एक साल पहले 54 राष्ट्रीय खेल महासंघों की मान्यता रद करने से चिंतित अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा ने खेल मंत्रालय से अटार्नी जनरल (एजी) नियुक्त करने और दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में तुरंत अपील करने का अनुरोध किया.
खेल मंत्रालय ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार 54 राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की सालाना अस्थायी मान्यता वापस ले ली जिसने उसे अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा था.
राष्ट्रीय खेल महासंघ (फाइल फोटो) खेल मंत्री किरण रिजिजू को लिखे पत्र में मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब खेल जगत कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और इसके भारतीय खिलाड़ियों की अगले साल होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारियों पर विपरीत असर पड़ सकता है. इस अनुभवी खेल प्रशासक ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ और अंतरराष्ट्रीय महासंघों ने अपनी मान्यता वापस नहीं ली है.
मल्होत्रा ने पत्र में लिखा, "इसे देखते हुए मैं आपसे इस मामले को पेश करने के लिए अटार्नी जनरल/सोलिसिटर जनरल नियुक्त करने का अनुरोध करूंगा जो तुरंत उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में उच्च न्यायालय के देश में सभी खेल महासंघों की मान्यता को वापस लेने के निर्देश को रद्द करने लिए अपील करें." सालाना मान्यता से एनएसएफ को सरकारी अनुदान और ट्रेनिंग व प्रतियोगिताओं के लिए सहायता मिलती है.
उन्होंने कहा, "इस फैसले से भारत में सभी ओलंपिक खेलों के खिलाड़ियों की तैयारियां और ट्रेनिंग बुरी तरह प्रभावित होगी क्योंकि खेल मंत्रालय केवल मान्यता प्राप्त एनएसएफ को ही राष्ट्रीय शिविरों और अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट के लिए फंड और अनुमति प्रदान करता है."