नई दिल्ली:रेस प्रोमोटर्स प्रोकैम इंटरनेशनल ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा चैम्पियन एंडामलाक बेलिहु और सेहे गेमेचु अपना खिताब बचाने के लिए दिल्ली हाफ मैराथन में लौट रहे हैं और ये दोनों धावक 29 नवम्बर को इस प्रतिष्ठित वर्ल्ड एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रेस के 16वें एडिशन में भागते हुए दिखेंगे. इयिथोपियाई जोड़ी भारत की राजधानी में अभूतपूर्व लगातार तीसरी जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है.
रेस से एक सप्ताह पहले 22 साल के होने जा रहे बेलिहु ने कहा, "मैं अभी इथियोपाई राजधानी आदिस अबाबा में अभ्यासरत हूं. बीते कुछ महीनों से अभ्यास का सिलसिला जारी है. दिल्ली में फिर से रोड रेसिंग का मौका मिल रहा है और इसके लिए मैं आयोजकों का धन्यवाद करना चाहता हूं."
बेलिहु के हमवतन गुये एडोला के नाम एडीएचएम का कोर्स रिकॉर्ड है. साल 2014 में एडोला ने 59.06 मिनट के साथ ये रिकॉर्ड बनाया था लेकिन बेलिहु दो मौकों पर- एक बार 2018 में 59.18 मिनट और फिर 2019 में 59.10 मिनट के साथ इस रिकॉर्ड के करीब आ चुके हैं.
बेलिहु इस साल दिल्ली की सड़कों पर नया कीर्तिमान स्थापित करना चाहेंगे और साफ तौर पर उनका लक्ष्य इस साल रेस को 59 मिनट से कम समय में निपटाना और एडीएचएम के इतिहास का सबसे सफल धावक बनना होगा. साल 2017 में इस रेस में डेब्यू करते हुए बेलिहु ने दूसरा स्थान हासिल किया था.
इस साल एडीएचएम के इलीट वर्ग में कुल 13 पुरुष हैं और इन सबने एक घंटे के भीतर हाफ मैराथन पूरा किया है और इनमें से पांच को बेलिहु से भी तेज रहे हैं. इन्हीं में एडोला भी हैं, जो छह साल के बाद फिर से दिल्ली लौट रहे हैं.
एडीएचएम 2020 में हिस्सा ले रहे 13 इलीट धावकों में सबसे तेज बहरीन के 2018 वर्ल्ड एथलेटिक्स हाफ मैराथन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले अब्राहम चेरोबेन हैं, जिनके नाम डिस्टेंस रनिंग का 58.40 मिनट का एशियाई रिकॉर्ड है.
इसके अलावा इथियोपाई के एमडेवर्क वालेलेगन तथा मुख्तार एडरिस पर भी सबकी नजरें रहेंगी. वालेलेगन ने बीते साल दिल्ली में दूसरा स्थान हासिल किया था और बीते महीने आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स हाफ मैराथन चैम्पियनशिप्स में कांस्य पदक जीता था. वहीं, मुख्तार 2017 तथा 2019 में 5000 मीटर वर्ल्ड चैम्पियन रहे हैं. वो इस साल मैराथन में डेब्यू कर रहे हैं.
बीते साल गेमेचु ने 2018 की तुलना मे अपना महिला कोर्स रिकॉर्ड कम से कम 50 सेकेंड के अंतर से सुधारा था. वो उस साल 66 मिनट में रेस पूरी करने में सफल रही थीं. इस साल गेमेचु इससे भी तेज भागना चाहेंगी लेकिन इसके लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ सकता है क्योंकि कोविड-19 के कारण अन्य एथलीटों की तरह उन पर भी विपरीत असर पड़ा है.