पेरिस:अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा वेन्नम की जोड़ी ने शनिवार को विश्व कप के तीसरे चरण के फाइनल में फ्रांस के अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर कम्पाउंड मिश्रित टीम तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.
भारतीय जोड़ी ने शानदार शुरुआत करते हुए फ्रांस की जोड़ी जीन बौल्च और 48 साल के ओलंपिक पदक विजेता सोफी डोडेमोंट करे करीबी मुकाबले में 152-149 से हराकर पीला तमगा हासिल किया. यह भारत का कम्पाउंड मिश्रित टीम में पहला विश्व कप का पहला स्वर्ण है.
इस स्वर्ण पदक के साथ ही भारत ने विश्व कप के इस चरण में अपने पदक का खाता खोला. महिला रिकर्व टीम ने स्पर्धा में दूसरा पदक पक्का किया है, जहां दीपिका कुमारी, अंकिता भक्त और सिमरनजीत कौर की तिकड़ी रविवार को शीर्ष स्थान के लिए चुनौती पेश करेगी.
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ज्योति को एशियाई खेलों के ट्रायल में नजरअंदाज कर दिया गया था. उन्होंने सात महीने से अधिक समय के बाद टीम में वापसी कर जश्न इस पदक के साथ मनाया. विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज यह तीरंदाज अभी एक और पदक की दौड़ में है. वह व्यक्तिगत सेमीफाइनल में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता फ्रांस की दिग्गज सोफी से भिड़ेगी.
अभिषेक और ज्योति की सबसे सफल भारतीय कम्पाउंड जोड़ी का विश्व कप में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल यांकटन में विश्व कप फाइनल में रजत पदक के रूप में आया था. इस जोड़ी ने अतीत में विश्व कप में कांस्य भी जीता है.
तीसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने 10 अंक के चार निशाने के साथ शानदार शुरुआत की. उन्होंने इसमें दो एक्स (बिल्कुल बीच में) लगाकर तीन अंकों की बढ़त बनायी और फ्रांस की जोड़ी को दबाव में ला दिया. भारतीयों ने दूसरे दौर में 10 अंक का सिर्फ एक निशाना साधा और फ्रांस की जोड़ी को वापसी का मौका मिल गया. फ्रांस ने भारत की बढ़त को कम कर के एक अंक का कर दिया.
तीसरा दौर बराबरी पर छूटा जबकि निर्णायक चौथे दौर में अभिषेक और ज्योति ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को दो अंकों से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया.